संतकबीर नगर: जिले में एंटी करप्शन की टीम ने मंगलवार को विवेचना के नाम पर 10 हजार की रिश्वत मांगते दारोगा राम मिलन यादव को गिरफ्तार करके कोतवाली ले जा रही थी. महुली पुलिस ने एंटी करप्शन की टीम को जिले के विभिन्न जगहों पर बैरिकेडिंग कर रोका गया था, जिसको लेकर एंटी करप्शन की टीम ने एसपी को तहरीर दी थी, त्वरित कार्रवाई करते हुए एसपी ने घटना में सम्मिलित दो दारोगा सहित नौ पुलिसकर्मियों को निलंबित करते हुए उनके खिलाफ महुली थाने में मुकदमा दर्ज कराया है.
मंगलवार को एंटी करप्शन की टीम धनघटा से घूसखोर दारोगा को गिरफ्तार करके कोतवाली खलीलाबाद ले जा रही थी. इसी दौरान मुखलिसपुर व नाथनगर में पुलिसकर्मियों ने बैरिकेटिंग लगाकर रोकने का प्रयास किया था. पुलिस टीम द्वारा बताया गया कि एंटी करप्शन टीम ने जब दारोगा को घूस लेते हुए पकड़ा और अपनी गाड़ी में जबरन बैठा लिया, तब मोबाइल से सूचना मिली कि बदमाश दारोगा का अपहरण करके भाग रहे हैं. इस तरह की सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई. पुलिस टीम ताबड़तोड़ मुखलिसपुर और नाथनगर में एंटी करप्शन टीम को रोकने के प्रयास में लग गई. एंटी करप्शन टीम उक्त दारोगा को लेकर सीधे कोतवाली खलीलाबाद पहुंच गई.
एंटी करप्शन की टीम की तहरीर पर दो दरोगा सहित नौ पुलिसकर्मी निलंबित इसे भी पढ़ें-घूसखोर दारोगा की ऐसी बेइज्जती नहीं देखें होंगे...देखिए वीडियो
नौ पुलिस कर्मी निलंबित
एंटी करप्शन टीम की तहरीर पर एसपी डॉ कौस्तुभ ने मामले को गंभीरता से लिया है. इस संबंध में एसपी डॉक्टर कौस्तुभ ने बताया कि धनघटा थाने में तैनात एसएसआई हरिकेश भारती, पौली चौकी इंचार्ज मनोज कुमार पटेल और महुली थाने में तैनात हेड कांस्टेबल जगदंबा प्रसाद तिवारी, अमरेंद्र सिंह बघेल, कांस्टेबल राजकिशोर प्रसाद, अजीत कुमार पासवान, रवि कुमार चौरसिया और सत्येंद्र कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया. जबकि रिश्वत लेने में जेल भेजे गए आरोपी दरोगा राममिलन यादव को भी निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही मामले की प्रारंभिक जांच भी शुरू करा दी गई है.
यह था मामला
बता दें कि एंटी करप्शन की टीम ने धनघटा थाने में वादी अब्दुल्ला खान निवासी करमा की तहरीर पर दो महीने पूर्व मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले की विवेचना थाने के दारोगा राम मिलन यादव कर रहे थे. दारोगा ने पीड़ित अब्दुल्ला खान से कार्रवाई के नाम पर 10 हजार रूपये की मांग की थी. घूस मांगने के नाम पर पीड़ित अब्दुल्ला खान ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन विभाग लखनऊ से की थी. शिकायत के बाद एंटी करप्शन ने दारोगा को पकड़ने के लिए जाल बिछा दिया. 27 जुलाई को जैसे ही अब्दुल्ला ने दारोगा को उसके आवास पर घूस के रुपये दिए तभी मौके पर मौजूद एंटीकरप्शन की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया. एंटी करप्शन की टीम के इस कार्रवाई से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया.