संतकबीरनगरः देश की आजादी के बाद से सभी सरकारों ने अपने आपको किसानों का मसीहा बताया और अन्नदाताओं के लिए तमाम योजनाएं भी चलाईं. इसके साथ ही यूपी की वर्तमान सरकार ने भी किसानों की आय दोगुनी करने के लिए फसलों का समर्थन मूल्य भी बढ़ा दिया, लेकिन सरकार बदलने के बाद आज भी अन्नदाता अपने को लाचार, और ठगा हुआ महसूस कर रहा है. जिले के धान क्रय केंद्रों पर 22 दिनों में महज चार प्रतिशत ही धान की खरीद हो सकी है.
संतकबीरनगरः धान बेचने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे किसान
यूपी के संतकबीरनगर में सरकार ने एक नवंबर से ही सरकारी धान क्रय केंद्रों पर बड़े-बड़े बैनर लगा कर किसानों से धान खरीद रही है. पैसे और बोरे की कमी के कारण किसानों को धान क्रय केंद्रों से वापस कर दिया जा रहा है. किसान बिचौलियों के माध्यम से औने पौने दाम में धान बेचने को मजबूर हैं.
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विभागीय अव्यवस्था का शिकार बनकर लाचार किसान अब साहूकारों के रहमोकरम पर औने-पौने दाम में धान बेचकर रवि की फसल की बुवाई की जुगत में लगे हैं. वहीं दूसरी तरफ कुछ केंद्र प्रभारी धान खरीद सेंटर से नदारद मिले और केंद्र उनके परिजन चलाते मिले जिन्हें धान खरीद की कोई जानकारी ही नहीं है. जो ये साबित करता हैं कि केंद्र प्रभारी धान खरीद का महज कोटा पूरा कर रहे हैं. किसानों के हक की बात करने वाली सरकार की मनसा पर पलीता भी लगा रहे हैं.
सरकारी धान क्रय केंद्रों से किसानों को लौटाने की बात सामने आ रही है और अब तक 22 दिनों में लक्ष्य के सापेक्ष महज 4 प्रतिशत ही धान की खरीद हो पाई है. जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार भी लगा चुके हैं, मगर नतीजा सिफर ही है. जिन किसानों की फसल हर्दिया रोग से प्रभावित हुई है उन्हें फसल बीमा योजना ते तहत लाभ भी दिलवाया जाएगा.
-रवीश गुप्ता, जिलाधिकारी