संत कबीर नगर: उत्तर प्रदेश में अगर कहा जाए कि नौकरशाहों की जिम्मेदारी मर चुकी है, संवेदनाएं मर चुकी हैं तो शायद यह कहीं से गलत नहीं होगा. इन नौकरशाहों के दरवाजे पर चक्कर लगाते-लगाते आज वह इंसान भी मर गया जिसने इनसे न्याय की उम्मीद लगा रखी थी. मामला जिले के पौली ब्लॉक में आने वाले रोसया गांव का है. यहां पीएम आवास के लाभार्थियों का नाम हटाकर उनकी जगह दूसरे लोगों को पीएम आवास आवंटित कर दिया गया, जिसमें दिव्यांग लाभार्थी भी शामिल है.
यह लाभार्थी अपने हक के लिए पिछले 14 दिनों से ब्लॉक से लेकर जिले के जिम्मेदार अधिकारियों की चौखट पर पहुंचकर फरियाद लगाता रहा और अधिकारी जांच की बात कहकर आश्वासन की घुट्टी पिलाते रहे. उन्हीं पीड़ित फरियादियों में मेराज नाम के एक 35 वर्षीय दिव्यांग लाभार्थी शिकायतकर्ता की पीएम आवास पाने की आस में शनिवार को आखिरकार उसकी सांसे टूट गई. मृतक की मां का रो-रो कर बुरा हाल है.
सीडीओ ने दिया था कार्रवाई का आश्वासन
24 नवंबर 2021 को पीएम आवास से वंचित करीब 10 से अधिक ग्रामीण डीएम कार्यालय पहुंचे थे लेकिन, छुट्टी का दिन होने की वजह से उनकी डीएम से मुलाकात नहीं हुई. सभी फरियादी डीएम कार्यालय के बाहर खड़े होकर वापस गांव लौटने ही वाले थे कि तभी वहां से गुजर रहे सीडीओ सुरेंद्र नाथ श्रीवास्तव की नजर उन ग्रामीणों पर पड़ी. सीडीओ ने अपनी गाड़ी रुकवाई और ग्रामीणों से उनकी फरियाद सुनी. उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन देकर ग्रामीणों को वापस घर लौटा दिया था.