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... और सहायक अध्यापिका ने सरकारी स्कूल को बना डाला स्वच्छ भारत एक्सप्रेस

कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं होता, तबीयत से एक पत्थर तो उछालो यारों... दुष्यंत कुमार की यह मशहूर लाइनें कई लोगों के लिए नजीर बन चुकी है और ऐसा ही किया है संतकबीर नगर जिले में मंझरिया परिषदीय विद्यालय की सहायक अध्यापिका अनीता सिंह ने, जिन्होंने अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई से अपने स्कूल को ट्रेन की शक्ल देकर उसे स्वच्छ भारत एक्सप्रेस ट्रेन बना दिया है.

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संतकबीर नगर में सहायक अध्यापिका ने सरकारी स्कूल को बना डाला स्वच्छ भारत एक्सप्रेस.

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Published : Dec 2, 2019, 6:55 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST

संतकबीर नगर:जिले के खलीलाबाद में आने वाले मंझरिया प्राथमिक विद्यालय को ट्रेन की शक्ल में देखकर हर कोई हैरान है. लोग इस स्कूल को देखने के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं. विद्यालय को ट्रेन की शक्ल में उतारा है इस विद्यालय की सहायक अध्यापिका अनीता सिंह ने, जिन्होंने सरकारी बजट खर्च न कर अपनी खुद की कमाई से और अपने पति के सहयोग से इस स्कूल को स्वच्छ भारत एक्सप्रेस ट्रेन बना दिया.

सरकारी स्कूल को बना डाला स्वच्छ भारत एक्सप्रेस

फिल्म देखकर मिली प्रेरणा

अनीता सिंह बताती है कि इनको यह प्रेरणा 'की एंड का' फिल्म देखने के बाद मिली. वह इस स्कूल को इसरो के रूप में ढालना चाहती थी, लेकिन जब स्कूल के बच्चों ने बताया कि उन्हें ट्रेन अच्छी लगती है और उन्होंने अभी तक ट्रेन में सफर नहीं किया है तो बच्चों की खुशी को देखते हुए उन्होंने स्कूल को एक ट्रेन की शक्ल दी. इसका नाम स्वच्छ भारत एक्सप्रेस ट्रेन रखा गया.

सबसे खास बात यह है कि अनीता सिंह ने इतना सब कुछ अपने खुद के वेतन से किया. वह कहती हैं कि जरूरी नहीं कि सिर्फ सरकारी पैसे से ही सब कुछ किया जाए, क्योंकि जिन बच्चों से हमें पैसा मिलता है, अगर उन पैसों को उन बच्चों की खुशी के लिए उन पर खर्च किया जाए तो एक अच्छा माहौल बनेगा.

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सहायक अध्यापिका अनीता सिंह ने बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए उन्हें शुद्ध पानी पिलाने के लिए बाकायदा मिनी आरो मशीन भी खुद के पैसे से लगा रखा है और इसी पानी को स्कूल के सभी बच्चे पीते हैं.

छात्रों में खुशी का माहौल

अनीता सिंह के इस सराहनीय कार्य से स्कूल के बच्चे बेहद खुश हैं. वह अपने घर से कहकर निकलते हैं कि वह ट्रेन में सफर करने के साथ ही स्कूल में पढ़ाई भी करते हैं, जिससे उन्हें खुशी मिलती है.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST

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