संत कबीर नगर: जिले के बीजेपी विधायक दिग्विजय नारायण उर्फ जय चौबे 12 दिसंबर को भाजपा का दामन छोड़ सपा में शामिल हो गए थे. बुधवार को जनपद में उनके प्रथम आगमन के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने फूल माला पहनाते हुए विधायक जय चौबे का स्वागत किया. मीडिया के सामने विधायक जय चौबे ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर जमकर तंज कसते हुए कहा कि 5 साल विधायक रहते हुए भी वह अपने विधानसभा क्षेत्र का विकास नहीं कर पाए. इसीलिए पार्टी की नीतियों से तंग आकर भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल होना पड़ा.
मीडिया से पहली बार बातचीत करते हुए सदर विधायक जय चौबे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की नीतियों से तंग आकर समाजवादी पार्टी का दामन थामना पड़ा. विधायक जय चौबे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के 5 साल के कार्यकाल में बंद पड़ी चीनी मिल को नहीं चालू करा सका, कांटे को ब्लॉक नहीं दे सका, जिले में बंद पड़ी कई फैक्ट्रियां चालू कराने के लिए मुख्यमंत्री से कई बार मुलाकात भी की लेकिन, मुख्यमंत्री द्वारा कोई पहल नहीं की गई. जिले को बस डिपो भी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में नहीं मिल पाया. विधायक जय चौबे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का सबका साथ सबका विकास का नारा झूठा है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा 5 साल में उनका बहुत शोषण किया गया है, जिसके चलते समाजवादी पार्टी में शामिल होना पड़ा.
सपा में शामिल होने के बाद बोले विधायक जय चौबे- भाजपा की नीतियों से तंग आकर छोड़नी पड़ी पार्टी - jai choubey joined sp
यूपी के संत कबीर नगर से पूर्व बीजेपी विधायक दिग्विजय नारायण उर्फ जय चौबे सपा में शामिल हो चुके हैं. सपा में शामिल होने के बाद पहली बार अपने जनपद में पहुंचने पर उनका स्वागत हुआ. इस दौरान जय चौबे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अपने हर वादों में पूरी तरीके से फेल नजर आई है, इसीलिए मैंने बीजेपी की नीतियों से तंग आकर समाजवादी पार्टी ज्वाइन की.
विधायक दिग्विजय नारायण
विधायक के चौबे ने कहा कि समाजवादी पार्टी में शामिल हुआ हूं और कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि आगामी 2022 विधानसभा चुनाव में संत कबीर नगर जिले की तीनों सीटों पर समाजवादी पार्टी का विधायक बनाया जाएगा. कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान के साथ किसी तरीके का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. विधायक जय चौबे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अपने हर वादों में पूरी तरीके से फेल नजर आई, जिसके चलते पार्टी की नीतियों से तंग आकर समाजवादी पार्टी ज्वाइन की.