संभल :हल्लू सराय की प्रीति की शादी को छह साल हो चुके हैं. ससुराल में वह हरियाली तीज नहीं मनाती हैं, जबकि मायके में इसे उत्साह के साथ मनाती हैं. प्रीति के अलावा मोहल्ले की अन्य महिलाएं भी इस त्योहार को नहीं मनाती हैं. वे शोक मनाती हैं. महिलाएं इस दिन न हाथों में मेहंदी रचाती हैं और न ही कोई श्रृंगार करती हैं. घरों में कोई पकवान भी नहीं बनाए जाते हैं. इसके पीछे की वजह सदियों से चली आ रही अनोखी परंपरा है.
सदियों से चली आ रही परंपरा :संभल के हल्लू सराय मोहल्ले का रहने वाले कन्नौजिया ठाकुर जाति के लोग रहते हैं. मोहल्ले में अन्य जातियों की महिलाएं हरियाली तीज हर्ष के साथ मनाती हैं, जबकि कन्नौजिया ठाकुर बिरादरी की महिलाएं इस दिन शोक मनाती हैं. करीब 800 से भी ज्यादा साल से इस परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है. सभी महिलाएं इसका पालन करती चली आ रहीं हैं.
राजा लाखन सिंह की हुई थी हत्या :मोहल्ले के ओमप्रकाश सिंह ठाकुर ने बताया कि जब दिल्ली में पृथ्वीराज चौहान का शासन था तो उन्होंने अपनी बेटी राजकुमारी बेला की शादी महोबा के राजा परमाल के बेटे ब्रह्मजीत के साथ कर दी थी. बेला का गौना कराने ब्रह्मजीत और कन्नौज के राजा लाखन सिंह के सेनापति संभल आए. बेला का गौना भी हो गया, लेकिन महोबा जाने से पहले ही पृथ्वीराज चौहान और राजा परमाल में जंग शुरू हो गई. पृथ्वीराज चौहान के सिपाहियों ने राजकुमार ब्रह्मजीत की हत्या कर दी. इसके बाद बेला ने सती होने का फैसला किया. बेला के सती होने के लिए संभल के चन्दन बाग से लाखन सिंह चन्दन की लकड़ी लेने गए. इसकी भनक जैसे ही पृथ्वीराज चौहान को लगी तो लाखन सिंह से लड़ाई शुरू हो गई. हरियाली तीज के दिन ही राजा लाखन सिंह की हत्या कर दी गई.