संभलः नए संसद भवन में बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी के विवादित बयान के बाद बवाल मचा हुआ है. तमाम राजनीतिक दलों ने बीजेपी सांसद की लोकतांत्रिक मर्यादा को तार तार कर देने वाली अमर्यादित भाषा पर कार्रवाई की मांग की है. वहीं, सपा के राज्यसभा सांसद जावेद अली खान और सपा विधायक पिंकी यादव ने भी ट्विटर अब (X) पर पोस्ट शेयर कर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. सांसद जावेद अली खान ने तो लिखा है कि भविष्य में संसद लिचिंगगाह बन सकती है.
सपा विधायक पिंकी यादव का ट्वीट. विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने सांसद पर कार्रवाई की मांग की
बता दें कि बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने लोकसभा के भीतर न सिर्फ असभ्य भाषा का इस्तेमाल किया बल्कि अपने शब्दों से सालों-साल में स्थापित संसद की संवैधानिक और लोकतांत्रिक मर्यादा को भी तार-तार करने का काम किया है. रमेश बिधूड़ी ने चंद्रयान-3 पर चर्चा के दौरान यूपी के अमरोहा लोकसभा सीट से बसपा सांसद दानिश अली को उग्रवादी, आतंकवादी करार देते हुए उनके खिलाफ उन शब्दों का इस्तेमाल किया. सांसद रमेश बिधूड़ी के विवादित बयान के बाद अब राजनीति के गरमा गई है. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, एआईएमआईएम, बीएसपी सहित समाजवादी पार्टी ने बीजेपी सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई है.
भाजपा मर्यादा विहीन हो चुकी
जिले की असमोली विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी की विधायक पिंकी यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट "एक्स" पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि 'संसद से आया अपमानजनक बयान भाजपा आरएसएस की राजनीतिक विरासत को दर्शाता है. भाजपा ने जिस भाषा से पूरे देश में नफरत फैलाई है, वह आज लोकतंत्र के मंदिर में दोहराई गई. एक जनप्रतिनिधि के खिलाफ, जनता द्वारा चुने गए एक सांसद के खिलाफ! भाजपा मर्यादा विहीन हो चुकी है और उनका दुष्ट चरित्र पूरी तरह से उजागर हो चुका है'. वहीं समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद जावेद अली खान ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट "एक्स" पर दो पोस्ट शेयर की है. पहली पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि 'लफंगे, मवाली भाजपा की जान है. कुंवर दानिश अली संसद की शान है'. दूसरी पोस्ट में उन्होंने आशंका जाहिर करते हुए लिखा है कि 'संसद कल लिचिंगगाह बन जाए तो आश्चर्यचकित मत होना'!
इंसान की पहचान चेहरा नहीं, ज़ुबान होती है
वहीं, अखिलेश यादव ने लिखा है कि 'इंसान की पहचान चेहरा नहीं; ज़ुबान होती है. सत्ता के नशे में बेसुध भाजपा के एक सांसद द्वारा विपक्ष के एक अल्पसंख्यक सांसद को अति अभद्र तरीके से संबोधित करना किसी आपराधिक घटना से कम नहीं है. ये भाजपा की नकारात्मक राजनीति का निकृष्टतम रूप है, जिसमें अन्य भाजपाई सांसदों का हँसते हुए सम्मिलित होना दिखाता है कि ये किसी एक भाजपाई की गलती नहीं है बल्कि ये भाजपा के अधिकांश सदस्यों की निर्लज्जता का बेशर्म प्रदर्शन है. ऐसे सासंदो पर, किसी भी प्रकार की संसदीय विशेषाधिकारों की छूट से परे, किसी एक सांसद नहीं बल्कि पूरे संसद और संविधान की मानहानि करने का मुक़दमा होना चाहिए और ताउम्र की पाबंदी भी.'
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