सहारनपुर: उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव की मतगणना शनिवार को होने जा रही है. मतगणना का काउंट डाउन शुरू हो गया है, जिससे प्रत्याशियों की धड़कने बढ़नी शुरू हो गई हैं. महानगर सहारनपुर की बात करें तो यहां भाजपा से डॉ. अजय कुमार चुनाव मैदान में हैं. जबकि बसपा ने इमरान मसूद की भाभी खदीजा मसूद पर दांव खेला है तो समाजवादी पार्टी से सपा विधायक आशु मलिक के भाई नूर हसन मलिक की किस्मत ईवीएम में बंद है. वहीं, कांग्रेस के प्रदीप वर्मा भी महापौर का चुनाव लड़े हैं.
बता दें कि 13 मई को ईवीएम में बंद सबकी किस्मत का पिटारा खुलने जा रहा है. सहारनपुर में मेयर सीट पर मुकबाले की बात करें तो यहां भाजपा और बसपा में सीधा मुकाबला होने संभावना है. जबकि समाजवादी पार्टी तीसरे नम्बर की लड़ाई लड़ रही है. वोटों के समीकरण एवं आकांड़ों के मुताबिक भाजपा के डॉ. अजय कुमार और बसपा प्रत्याशी खदीजा मसूद एक दूसरे को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा यह तो मतगणना के बाद ही पता चल पाएगा. जैसे-जैसे मतगणना की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे प्रत्याशियों की धड़कने बढ़ना भी लाजमी है.
आपको बता दें कि सहारनपुर जिले में एक नगर निगम, चार नगर पालिका और सात नगर पंचायत निकायों में चुनाव हुआ है. जहां सभी मुख्य पार्टियों समेत निर्दलीय प्रत्याशियों की किस्मत एवीएम और मतपेटियों में बंद हैं. खास बात ये है इस चुनाव में राज्य मंत्री समेत कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है. कस्बा सरसावा में नगर पालिका अध्यक्ष पद पर राज्यमंत्री दिनेश खटीक की बहन वर्षा मोगा चुनाव लड़ी हैं. वर्षा मोगा को का टिकट होने के बाद कई भाजपा नेता ही बागी हो गए थे जिन्हे पार्टी से निष्काषित किया चुका है. सत्तारूढ़ भाजपा ने अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ साथ कई मंत्रियो को चुनाव प्रचार में लगाया हुआ था. इतना ही नहीं सूबे के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ पार्टी प्रत्याशियों के लिए प्रचार कर चुके हैं.
महानगर की बात करें तो यहां नगर निगम महापौर सीट को पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया गया. हालांकि इससे पहले सहारनपुर महापौर सीट को महिला के लिए रखा गया था. यही वजह है कि सभी दलों के सारे समीकरण और आंकड़ों में ऐसा बदलाव आया कि महापौर का चुनाव पहले से ज्यादा दिल चस्प हो गया. महिला सीट आरक्षित हुई थी तो बसपा नेता इमरान मसूद अपनी पत्नी को चुनाव चुनाव लड़ाने की घोषणा की थी. इसके बाद जैसे ही महापौर सीट को पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया गया तो इमरान मसूद ने अपनी भाभी खदीजा मसूद को चुनाव मैदान में उतार दिया. इमरान मसूद जिस दल में रहते हैं सहारनपुर में वह दल दूसरे नंबर की पार्टी बन जाता है, जिसके चलते इमरान मसूद भाभी खदीजा मसूद को जिताने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा चुके हैं. मुस्लिम और दलित वोटों के ध्रुवीकरण के सहारे इमरान मसूद अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. खदीजा मसूद पूर्व केंद्रीय मंत्री मरहूम काजी रशीद मसूद की पुत्र वधु हैं.