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सहारनपुर: देवबंदी उलेमा ने कहा- शरियत में है गर्भवती महिलाओं को रोजा नहीं रखने की छूट

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Published : May 3, 2020, 10:39 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

रमजान के पवित्र महीने में रखे जा रहे रोजे को लेकर देवबंदी उलेमा मुफ्ती अहमद गोड़ ने गर्भवती महिलाओं से रोजा नहीं रखने की अपील की है. उन्होंने कहा कि वह इन दिनों बच्चे की सेहत का ख्याल रखें.

deobandi ulema mufti ahmed god
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सहारनपुर:इन दिनों रमजान का पवित्र महीना चल रहा है. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को लेकर देवबंदी उलेमा मुफ्ती अहमद गोड़ ने कहा कि गर्भवती महिला रोजा ना रखें. रोजा रखने से जच्चा-बच्चा को परेशानी हो सकती है, इसलिए गर्भवती महिलाएं डिलीवरी के बाद अपने रोजे अदा कर सकती हैं.

उन्होंने आगे कहा कि गर्भ के समय में महिलाओं पर बच्चे की बड़ी जिम्मेदारी रहती है. ऐसे में शरीयत ने गर्भवती महिलाओं को रोजा नहीं रखने की सहूलियत दी है. शरीयत के मुताबिक गर्भवती महिलाओं को रोजा रखने से ऊपर उसके फर्ज को बताया है. मौलाना ने कहा कि अल्लाह की अमानत जो उसके गर्भ मे पल रही है उसके ऊपर रोजा फर्ज नहीं है.

जानकारी देते देवबंदी उलेमा मुफ्ती अहमद गोड़.

गर्भवती महिलाएं आम दिनों में अपना रोजा अदा कर सकती हैं. ये उस महिला के लिए कुर्बानी है. जहां एक मासूम की जान बचाने का मसला है, वहां गर्भवती महिला रोजा छोड़ सकती हैं और वह ये रोजा आम दिनों में अदा कर सकती हैं.

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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

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