सहारनपुर:असम सरकार ने 'हम दो, हमारे दो' नियम को लेकर कानून बनाने की पहल कर दी है. सरकार ने दो से ज्यादा बच्चे होने पर सरकारी नौकरी नहीं देने का फरमान जारी कर दिया है. असम सरकार के इस फरमान पर देवबंदी उलेमा ने नाराजगी जताई है.
'हम दो, हमारे दो' नियम भड़के उलेमा. 'सरकार को चलाने वाले कुछ नेता ऐसे हैं जिनको संतान ही नहीं'- उलेमा
- असम सरकार के 'हम दो, हमारे दो' नियम पर देवबंदी उलेमा ने नाराजगी जताई.
- उलेमा ने कहा कि सरकार को चलाने वाले कुछ नेता ऐसे हैं जिनको संतान ही नहीं है, इसलिए वह संतान का दुख सुख नहीं जानते.
- सरकारी नौकरी नहीं देने के फैसले पर उलेमा ने कहा कि सरकार नौकरी नहीं दे रही बल्कि नौकरी छीन रही है.
- सरकार चाहती है कि पब्लिक का ध्यान मुद्दों की तरफ न जाए इसलिए नए नए मुद्दे लेकर जनता को गुमराह कर रही है.
क्या है पूराअसम सरकार का फरमान
- असम सरकार ने बढ़ती जनसंख्या को रोकने की पहल शुरू कर दी है.
- असम सरकार ने दो बच्चे होने पर सरकारी नोकरी नहीं देने का फरमान सुनाया है.
- सरकार के इस फैसले पर देवबंदी उलेमाओं ने एतराज जताया है.
- देवबंदी उलेमा कारी राव साजिद ने कहा कि दो बच्चों से ज्यादा होने पर नौकरी नहीं देना सरकार की तानाशाही है.
सरकार में जितने बड़े नेता हैं उनके अपने बच्चे नहीं है, तो ऐसे में वे बच्चों का एहसास को नहीं जानते. यदि किसी के यहां 2 लड़की हैं तो वह चाहेगा कि उसके घर में एक बेटा पैदा हो. एक लड़का हर आदमी चाहता है और रोजी देने का काम अल्लाह ने किया है. सरकार तो जनता को मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रही है. नौकरी का नाम लेकर जिस तरह सरकार ने कहा है, कि दो बच्चों के ऊपर नौकरी नहीं मिलेगी, अभी कहां नौकरी मिल रही है. नौकरी देने के बजाय नौकरी छीनने का काम सरकार कर रही है. आज देश की अर्थव्यवस्था कितनी बुरी हालत में है.
-कारी राव साजिदस, देवबन्दी उलेमा