सहारनपुर: लव जिहाद को लेकर जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के मौलाना अरशद मदनी द्वारा दिए गए बयान पर सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता फरहा फैज ने ऐतराज जताया है. फराह फैज ने कहा है कि "जमीयत उलेमा-ए-हिंद समय-समय पर आतंकवाद में लिप्त गुमराह मुस्लिम युवकों का समर्थन करता है.
मुसलमानों को बरगलाती है जमीयत उलेमा-ए-हिंद : फरहा फैज
लव जिहाद के आरोपी युवकों का मुकदमा जमीअत उलेमा-ए-हिंद लड़ेगा, जिसपर सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता फरहा फैज कड़ी आपत्ति जताई है. अधिवक्ता ने कहा कि "यह संस्था मुसलमानों को गुमराह करने के लिए किसी भी हद को पार कर सकती है."
अधिवक्ता फरहा फैज ने कहा कि "यह संस्था मुसलमानों को गुमराह करने के लिए किसी भी हद को पार कर सकती है. यदि इन्हें मुसलमानों की चिंता होती तो देश में आज मुस्लिम फैमिली एक्ट वजूद में होता और न कि मुसलमानों के माथे पर कट्टरवादी का टैग न लगा होता. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के द्वारा कभी भी महिलाओं की पैरवी, उनको इंसाफ दिलाने की कोई घोषणा नहीं की गई. उल्टे उनके लिए आए दिन तमाम फतवे जारी कर उनको प्रताड़ित होने के लिए मजबूर किया गया. अब वक्त आ गया है राजनीति करने के इस षड्यंत्र का कड़ा विरोध किया जाए और इनको मुंहतोड़ जवाब दिया जाए."