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सहारनपुर: बकाया भुगतान न होने पर मिलों की चीनी होगी नीलाम

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर मंडलायुक्त संजय सिंह इन दिनों एक्शन मोड में दिख रहे हैं. उन्होंने मंडल के सभी अधिकारियों को आईजीआरएस एवं मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर लंबित चल रहे प्रकरणों के निस्तारण सहित तमाम निर्देश दिए हैं.

मंडलायुक्त संजय सिंह.

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Published : Aug 17, 2019, 8:54 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुरः मंडलायुक्त संजय कुमार ने चीनी मिल मालिकों को 31 अगस्त तक 100 प्रतिशत गन्ने का बकाया भुगतान करने के आदेश दिए हैं. भुगतान नहीं करने पर मिलों में स्टॉक चीनी को सीज करने के साथ नीलाम करने की चेतावनी दी है. मंडलायुक्त संजय सिंह ने स्वच्छता मिशन को गंभीरता से नहीं लेने वाले ग्राम प्रधानों के खाते सीज करने के आदेश भी दिए हैं.

बकाया भुगतान नहीं होने पर मिलों की चीनी होगी नीलाम.

लापरवाही बरतने वाले अधिकारी होंगे निलम्बित
IGRS पोर्टल पर बड़ी संख्या में डिफाल्टर प्रकरण उपलब्ध हैं, जिनमें सबसे ज्यादा चिकित्सा विभाग, लोक निर्माण विभाग, बेशिक शिक्षा विभाग, विद्युत विभाग से जुड़े हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ स्वयं समीक्षा कर निस्तारण के आदेश दे चुके हैं. सीएम ने मामलों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के निलंबन की बात कही है.

31 अगस्त तक सम्पूर्ण गन्ना भुगतान के निर्देश
मंडलायुक्त ने बताया कि सहारनपुर मडंल में सबसे ज्यादा गन्ने की फसल की जाती है और अभी तक 55 से 70 फीसदी ही गन्ने का बकाया भुगतान हो पाया है. किसानों की बढ़ती समस्या को देखते हुए सभी चीनी मिलों के जीएम और मालिकों को नोटिस भेजा गया है. 31 अगस्त तक सम्पूर्ण भुगतान करने का निर्देश दिया गया है.

भुगतान नहीं करने पर चीनी होगी नीलाम
यदि 31 अगस्त तक 100 फीसदी भुगतान नहीं किया गया तो मिलों में रखी चीनी को नीलाम कर किसानों का भुगतान किया जाएगा. ज्यादातर चीनी मिलों ने 15-15 दिनों का समय लेकर कार्य योजना दी है, लेकिन तीन बजाज मिलों समेत मंडल की सात ऐसी मिलें हैं जो इस गाइडलाइन को फॉलो नहीं कर रही हैं. इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को कार्रवाई का आदेश दिया गया है.

पंचायत एक्ट के तहत ग्राम प्रधान होंगे पद मुक्त
वहीं स्वच्छता मिशन को लेकर मंडलायुक्त ने बताया कि सहारनपुर मंडल में कई करोड़ रुपये ग्राम प्रधानों के स्तर पर पेडिंग पड़ा है. ग्राम प्रधान और गांव की आशा बहु जिम्मेदारी के साथ काम नहीं कर रहे हैं. यह फंड प्रत्येक गांव में 10 हजार रुपये महीने के हिसाब से आता है, जिससे गांव की सफाई व्यवस्था दुरुस्त की जाती है. ज्यादातर ऐसे गांव हैं, जहां पर पांच सालों से इस पैसे को इस्तेमाल नहीं किया गया है. ऐसे प्रधानों को चिन्हित कर पंचायत एक्ट के तहत उन्हें प्रधान पद से मुक्त कर उनके खाते सीज करने की कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

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