सहारनपुर:सीएए के खिलाफ धरना प्रदर्शन के दौरान हिंसा कर सरकारी, गैरसरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से क्षतिपूर्ति के लिए योगी सरकार ने अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. अध्यादेश की मंजूरी के बाद जहां हिंसा के आरोपियों में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं इस अध्यादेश पर देवबंदी उलेमाओं ने कड़ा एतराज जताया है. उलेमाओं का कहना है कि सरकार का यह फैसला न सिर्फ न्यायपालिका के खिलाफ है बल्कि पूरी तरह नाजायज है.
मुफ्ती तारिक ने कहा सीएम योगी का फैसला पूरी तरह है नाजायज
- देवबंदी उलेमा एवं मदरसा जामिया हुसैनिया के वरिष्ठ उस्ताद मुफ्ती तारिक कासमी ने प्रदेश सरकार के इस अध्यादेश पर नाराजगी जताई है.
- इस अध्यादेश का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी की योगी सरकार RSS की नीतियों पर काम कर रही है.
- सीएम योगी जो कानून लाना चाहते है वह हिंदुस्तान की अदालतों के खिलाफ है.
- इस तरीके कानून बनाने का हक"हिंसा में हुए नुकसान का कौन भरपाई करेगा, कौन पीड़ित है, कौन दंगाई है" केवल अदालत को है.
- अदालत जो भी फैसला दे वह फैसला सबको मान्य होना चाहिए.