सहारनपुर:योगी सरकार पत्रकारों को सुरक्षा मुहैया कराने के दावे कर रही है, लेकिन हकीकत सच्चाई से कोसों दूर है. उत्तर प्रदेश में लगातार पत्रकारों पर हो रहे हमलों से न सिर्फ संविधान का चौथा स्तंभ खतरे में है, बल्कि योगी सरकार के दावों की पोल खुलकर सामने आ गई है.
सहारनपुर: खतरे में लोकतंत्र का चौथा स्तंभ, दहशत में पत्रकार, सो रही सरकार!
यूपी के सहारनपुर में पत्रकार और उसके भाई की गोली मारकर हत्या करने के मामले में लोकतंत्र का चौथा स्तंभ आक्रोश में है. पूरे प्रदेश में पत्रकारिता जगत ने सरकार से पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाने की बात कही है.
नगर कोतवाली इलाके के माधो नगर में पत्रकार और उसके भाई की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसके बाद से पत्रकारों में आक्रोश बना हुआ है. पत्रकार जब अपराधियों के खिलाफ खबरें लिखता है तो उसको जान से मारने की धमकी मिलती है. इस घटना के बाद पत्रकारों में दहशत का माहौल है. पत्रकारों ने सभी जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन कर 50 - 50 लाख आर्थिक मदद और हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग की है.
पत्रकार आशीष की हत्या के बाद जहां प्रदेश भर में पत्रकारों ने धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन दिए हैं. वहीं सहारनपुर के पत्रकारों ने शोक सभा कर श्रद्धांजलि दी है. शोक सभा के बाद स्थानीय पत्रकारों ने लापरवाह पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ हत्यारों के खिलाफ फांसी की सजा की मांग की है. इतना ही नहीं पत्रकारों ने सीएम योगी और पीएम मोदी को भी पत्रकारों पर हो रहे हमलों के लिए चेताया है. अगर यही हाल रहा तो वो दिन दूर नहीं जब संविधान का चौथा स्तंभ कहे जाने वाला पत्रकार जगत का अस्तित्व खत्म हो जाएगा.