सहारनपुर: जनपद का शहद अब दुनिया भर में अपनी मिठास घोलेगा. सिगरेट और स्टार पेपर मिल के बाद जनपद अब शहद उत्पादन से भी अपनी पहचान बना रहा है. जनपद से अब 400 क्विंटल शहद की एक खेप अमेरिका भेजी जा रही है, जबकि 200 क्विंटल शहद का आर्डर ऑस्ट्रेलिया से आ चुका है. जनपद अब शहद उत्पादन के लिए देश ही नहीं, एशिया में भी मशहूर हो गया है.
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना में एक जनपद एक उत्पाद के तहत सहारनपुर का चयन शहद के लिए किया गया है. मधुमक्खी पालन में प्रदेश में जनपद का पहला स्थान है. वर्तमान में यहां मौन पालन के लिए दो तरह के प्रशिक्षण दिये जा रहे हैं. एक 45 दिन का दूसरा 90 दिन का जबकि ज्यादातर प्रशिक्षु एक सप्ताह की क्लास में ही प्रशिक्षण ले रहे हैं. सहारनपुर मंडल के तीनों जिलों में 10 हजार से ज्यादा किसान एवं छात्र-छात्राएं मौन पालन का प्रशिक्षण ले रहे हैं. सहारनपुर में मौन पालकों के लिए प्रोसेसिंग यूनिट भी लगाई गई है.
विदेशों में निर्यात हो रहा शहदः आपको बता दें कि 2020 में सहारनपुर जिले ने शहद उत्पादन एवं मौन पालन के क्षेत्र में एशिया में पहला स्थान प्राप्त कर लिया था. जिसके बाद से यह रिकॉर्ड लगातार बना हुआ है. इसी कारण जनपद के शहद की मांग अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में की जा रही है. जनपद में 1000 क्विंटल से ज्यादा शहद का उत्पादन किया जा रहा है. यहां का शहद दुनिया भर में अपनी मिठास छोड़ रहा है. हर साल यहां से सैकड़ों क्विंटल शहद विदेशों में निर्यात किया जाता है. इस वर्ष 400 क्विंटल शहद अमेरिका भेजा जा रहा है. जबकि 200 किंवटल का आर्डर ऑस्ट्रेलिया से आ चुका है. शहद के साथ दस टन बी वैक्स यानि मधुमक्खी का मोम, 30 क्विंटल वैक्स शीट और 500 मधुमक्खी पालन करने वाले डिब्बों को भी ऑस्ट्रेलिया भेज दिया गया है.