उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

खुद 'वेंटिलेटर' पर है सहारनपुर जिला अस्पताल, यहां डॉक्टरों की है भारी कमी

प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का दम भरने की हकीकत सच्चाई से कोसो दूर है. सहारनपुर के जिला अस्पताल की बदरंग तस्वीर ये बताने के लिए काफी है कि यहां सिर्फ समस्याओं का रोना है.

etv bharat
जिला अस्पताल में है डॉक्टरों की कमी

By

Published : Mar 9, 2020, 4:40 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: यूं तो सरकार प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के दावे कर रही है, लेकिन हकीकत सच्चाई से कोसो दूर है. जिला अस्पताल में गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर मशीन तो दूर यहां डॉक्टरों की भी कमी है. आलम यह है कि सरकारी अस्पताल में सुविधाओं के आभाव के चलते लोग प्राइवेट अस्पतालों का रुख कर रहे हैं, लेकिन गरीब असहाय मरीज यहीं दम तोड़ देते हैं.

CHC, PHC और जिला अस्पताल में है डॉक्टरों की कमी

केंद्र और प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने का ढिंढोरा पीट रही है. बावजूद इसके सरकारी अस्पताल राम भरोसे चल रहे हैं. आए दिन बढ़ते मरीजों को देखने के लिए डॉक्टरों की भारी कमी है. सहारनपुर जिले में सभी सीएचसी और पीएचसी में डॉक्टरों का अकाल पड़ा है. जिले में 244 डॉक्टरों की जरूरत है, लेकिन यहां महज 94 डॉक्टर ही पूरा भार ढो रहे.

जिला अस्पताल में नहीं है वेंटिलेटर मशीन.

जिला अस्पताल में नहीं है वेंटिलेटर मशीन

अगर अन्य सुविधाओं की बात करें तो जिले में 27 लैब टेक्नीशियन के बजाए कुल दो लैब टेक्नीशियन कार्य कर रहे हैं, जबकि जिला अस्पताल में एक भी लैब टेक्नीशियन उपलब्ध नहीं है. जिला अस्पताल में न तो वेंटिलेटर मशीन है और न ही आईसीयू वार्ड में हार्ट स्पेसलिस्ट डॉक्टर. सरकारी अस्पताल में आठ बैड का आईसीयू वार्ड तो है, लेकिन यहां भी केवल कार्डियो मॉनिटर, ऑक्सीजन और ईसीजी के अलावा कुछ खास सुविधाएं नहीं है.

90 फीसदी मरीज किए जाते हैं रेफर

आईसीयू में महज एक फिजिशियन डॉक्टर तैनाती है जो गंभीर मरीजों को इलाज देते हैं. इलाज के नाम पर यहां खानापूर्ति की जा रही है. आलम यह है कि 90 फीसदी मरीजों को हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है. हालांकि मौलाना शेखुल हिन्द मेडिकल कॉलेज में 5 वेंटिलेटर मशीन लगी हैं, लेकिन वहां भी स्पेसलिस्ट डॉक्टरों की कमी के चलते मशीने जंग खा रही हैं. ज्यादातर मरीजों को दिल्ली, देहरादून, मेरठ, चड़ीगढ़ के अस्पतालो में रेफर किया जाता है.

जिला अस्पताल में 62 डॉक्टरों की जरूरत है, लेकिन उनकी जगह महज 32 डॉक्टर ही सेवा दे रहे हैं. अस्पताल प्रशासन की तरफ से शासन को पत्र लिखे गए हैं. यहां स्टाफ नर्स के अलावा बहुत सारी चीजों की कमी है.

-डॉ. एसके वार्ष्णेय, सीएमएस

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details