सहारनपुर :31 जनवरी की सुबह ट्रेनी एसआई कुलदीप सुसाइड मामले में आरोपी कोतवाल अभिषेक सिरोही के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ है. परिजनों की तहरीर के आधार पर पुलिस ने थाना देवबंद में ही धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया है. जबकि इससे पहले पुलिस अधिकारी मामले की जांच की बात कहकर आरोपी कोतवाल का बचाव करने की कोशिश कर रहे थे. जिसके चलते एसएसपी ने उसे हटाने की बजाए थाना कुतुबशेर का चार्ज दे दिया. लेकिन राविवार को परिजनों ने थाना देवबंद का घेराव कर मुकदमा दर्ज करने का दबाव बनाया तो पुलिस ने आन्न फानन में आरोपी कोतवाल के खिलाफ मुदकमा दर्ज करना पड़ा.
चौकाने वाली बात तो यह है कि आत्महत्या से पहले मृतक दरोगा ने पुलिस अधिकारियों और परिजनों को वॉइस क्लिप भेज कर कोतवाल को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया था. बावजूद इसके पुलिस ने उत्पीड़न के आरोपी कोतवाल पर कार्यवाई करना तो दूर उसे जांच पूरी होने तक लाइन हाजिर तक किया. जिससे न सिर्फ पुलिस की जांच प्रणाली पर सवाल उठने लगे बल्कि स्टाफ के साथ हुई बदसलूकी के बाद पुलिस से आम आदमी का भरोसा उठना भी लाज़मी है. हालांकि आला अधिकारी अभी भी मामले की जांच कराने की बात कर रहे है.
आपको बता दें कि 31 जनवरी की सुबह न सिर्फ एक पत्नी का सुहाग उजड़ गया बल्कि पुलिस महकमे ने भी सच्चा और ईमानदार अधिकारी खो दिया था. थाना देवबंद के कोतवाल के उत्पीड़न से तंग आकर किराये के कमरे में रह रहे कुलदीप नाम के एक ट्रेनी दारोगा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. कुलदीप ने मरने से पहले जहां एक वॉइस रिकॉर्डिंग सीओ देवबंद को भेजी थी वही 8 मिनट की एक वॉइस रिकार्डिंग अपने परिजनों को भेज कर अपनी मौत का जिम्मेदार इंस्पेक्टर अभिषेक सिरोही को बताया था. लेकिन पुलिस अधिकारी पहले ही दिन से वॉइस रिकार्डिंग होने से मना करते रहे जबकि परिजन पुलिस अधिकारियों से निष्पक्ष कार्यवाई करने की मांग कर रहे थे. लेकिन पुलिस ने आरोपी कोतवाल देवबंद से हटाकर थाना कुतुबशेर का चार्ज दे दिया.