सहारनपुर के बिहारीगढ़ थाने में चार गैंगस्टर ने किया आत्मसमर्पण. सहारनपुर : योगी सरकार की ओर से अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत अपराधियों को जेल का रास्ता दिखाया जा रहा हैं. साथ ही बुलडोजर से कार्रवाई की जा रही है. ऐसे में अपराधी तौबा कर रहे हैं और अपराध का रास्ता छोड़ कर खुद ही थाने या न्यायालय में आत्मसमर्पण कर रहे हैं. ताजा मामला सहारनपुर क्षेत्र के थाना बिहारीगढ़ का है. यहां विभिन्न मामलों में वांछित चार गैंगस्टरों ने थाने पहुंच आत्मसमर्पण किया है.
सहारनपुर के बिहारीगढ़ थाने में चार गैंगस्टर ने किया आत्मसमर्पण.
थाना बिहारीगढ़ प्रभारी बीनू चौधरी के अनुसार थाना बिहारीगढ़ में गुरुवार सुबह चार गैंगस्टर गुनाहों से तौबा कर के आत्मसमर्पण किया है. अपराधियों ने अपराध न करने का संकल्प लेकर तौकीद पुत्र जुल्फान लालवाला थाना भगवानपुर हरिद्वार, शौकीन पुत्र जुल्फान लालवाला थाना भगवानपुर हरिद्वार, साबिर अली हसन लालवाला थाना भगवानपुर फैजान पुत्र सालिम चंडीघेर थाना बिहारीगढ़ ने आत्मसमर्पण किया है. इनमें तोकिर पुत्र जुल्फान के खिलाफ 379/411,307/34,3/25,465,2/3 व फैजान पुत्र सालिम 379/411,307/34,4/25,465,2/3 तथा शौकीन पुत्र जुल्फान 379/411,307/34,465,2/3, साबिर पुत्र आलिया 379/411,307/34,465,2/3 सभी के खिलाफ कई मुक़ददमे दर्ज हैं.
सहारनपुर में धारा 144 लागू
सहारनपुर में निकाय चुनाव के साथ बुद्ध पूर्णिमा, बकरीद के अलावा प्रवेश परीक्षाएं और औद्योगिक संस्थानों का आयोजन होना है. ऐसे में 23 जून तक धारा 144 लागू रहेगी. डीएम अखिलेश सिंह ने कहा है कि किसी भी सार्वजनिक स्थल पर 4 या 4 से अधिक व्यक्ति बिना सक्षम अधिकारी के आदेश के धरना जुलूस प्रदर्शन आदि के लिए एकत्रित नहीं हो सकेंगे. किसी भी व्यक्ति, अभ्यर्थी, राजनीतिक दल द्वारा वर्तमान में लागू स्थानीय निकाय चुनाव आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया जाएगा. किसी भी व्यक्ति, अभ्यर्थी, दल द्वारा कोई ऐसा कार्य नहीं किया जाएगा जो विभिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के मध्य विद्यमान मतभेदों को बढ़ाए या घृणा की भावना उत्पन्न करे. किसी भी व्यक्ति, अभ्यर्थी, राजनीतिक दल द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान किसी भी दूसरे दल के प्रतिनिधि अथवा प्रत्याशी के विषय में ऐसी बात या भाषण नहीं दिया जाएगा. जिससे किसी धर्म, मजहब, सम्प्रदाय, जाति या सामाजिक वर्ग एवं दल, अभ्यर्थी, कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत हों. उससे विभिन्न वर्गों, दलों, व्यक्तियों के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो. किसी भी व्यक्ति, अभ्यर्थी, राजनीतिक दल द्वारा किसी अन्य अभ्यर्थी के व्यक्तिगत जीवन की आलोचना नहीं की जाएगी. ऐसा पाए जाने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी.
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