सहारनपुर:दिल्ली में भीम आर्मी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किए जाने के चलते देवबंद में भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने शनिवार को प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं की मांग है कि आर्मी चीफ की रिहाई हो और तोड़े गए रविदास मंदिर को दोबारा वहीं बनाया जाए. इसको लेकर कार्यकर्ताओं ने एसडीएम राकेश कुमार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा.
भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन. दरअसल, भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद व राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह समेत 96 कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इसी को लेकर बहुजन समाज के लोगों में आक्रोश लगातार बढ़ रहा है.
बसपा कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोश
- भीम आर्मी के संस्थापक समेत 96 कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद बसपा में आक्रोश बढ़ता जा रहा है.
- इसी कड़ी में भीम आर्मी के मंडल अध्यक्ष दीपक बौद्ध के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने एसडीएम कार्यालय में प्रदर्शन किया.
- प्रदर्शन उपरांत कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को संबोधित चार सूत्रीय ज्ञापन एसडीएम राकेश कुमार को सौंपा.
- साथ ही गिरफ्तार कार्यकर्ताओं की शीघ्र रिहाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन करने की कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है.
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भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन में बताया कि-
दिल्ली तुगलकाबाद में संत शिरोमणि गुरु रविदास जी के मंदिर को तोड़े जाने के विरोध में 21 अगस्त को रामलीला मैदान में दलित समाज, रविदास समाज और संत समाज के लोगों ने संविधान के दायरे में भीम आर्मी एकता मिशन के नेतृत्व में शांतिपूर्ण जनांदोलन किया था.
कार्यकर्ताओं का कहना है कि केंद्र सरकार के इशारे पर दिल्ली सरकार ने आंदोलन को दबाने के उद्देश्य से भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर आजाद व राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह समेत 96 कार्यकर्ताओं को गैर कानूनी रूप से गिरफ्तार कर लिया गया. उन लोगों पर गंभीर धाराओं में मामले दर्ज किए गए, जो बेहद निंदनीय है.
कार्यकर्ताओं ने कहा कि भारतीय संविधान में प्रत्येक व्यक्ति को शांतिपूर्ण रूप से अपनी बात रखने का अधिकार प्राप्त है, लेकिन सरकार ने संविधान द्वारा प्रदत्त मूल अधिकारों का हनन किया है. इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
भीम आर्मी के देवबन्द विधानसभा अध्यक्ष शौर्य अम्बेडकर ने राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में संत शिरोमणि गुरू रविदास का भव्य मंदिर दोबारा उसी स्थान पर बनवाने और गिरफ्तार किए गए 96 कार्यकर्ताओं को तुरंत रिहा कर उन पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की है.