सहारनपुर: भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पर हुए आत्मघाती हमले के बाद दो जातियों के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है. राजपूत समाज ने भीम आर्मी चीफ को न सिर्फ कड़ी चेतावनी दी है, बल्कि भीम आर्मी संगठन पर बैन लगाने की मांग की है. राजपूत समाज के लोगों ने चंद्रशेखर पर हुए हमले को एक बड़ी साजिश करार दिया है. वहीं, पुलिस कार्रवाई पर भी सवाल खड़े किए हैं. राजपूत समाज के लोगों का कहना है कि हमले के बाद चंद्रशेखर ने अपने पदाधिकारी द्वारा राजपूत समाज के खिलाफ अभद्र टिप्पणी का वीडियो वायरल कराया था. जिससे समस्त राजपूत समाज की भावनाएं आहत हुई है. भीम आर्मी पदाधिकारी ने वायरल वीडियो में राजपूत समाज को ललकारा था.
गौरतलब है कि 28 जून को भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद के ऊपर थाना देवबंद इलाके में जानलेवा हमला हुआ था. हमले में गोली के छर्रे लगने से चंद्रशेखर घायल हो गए थे. हमला करने वालों की गाड़ी बरामद होने पर पता चला कि हमलावर राजपूत समाज से तालुक रखते हैं. यही वजह है कि भीम आर्मी चीफ समेत तमाम कार्यकर्ताओं ने सीएम योगी के साथ राजपूत समाज पर हत्या करने के आरोप लगाया था. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर राजपूत समाज के खिलाफ अभद्र टिप्पणी के साथ ललकारने का वीडियो भी वायरल कर दिया. जिससे राजपूत समाज में आक्रोश फैल गया.
राजपूत समाज के लोगों ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि सहारनपुर में भीम आर्मी पिछले कुछ सालों से लगातार समाज विरोधी गतिविधियों में संलिप्त है. ऐसे में एक सामाजिक संगठन होने के नाते अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा युवा ने इसके खिलाफ मुहिम चलाई है. पूर्वांचल में ब्राह्मणो पर हमलो में भीम आर्मी के खिलाफ आंदोलन, हिंदू देवी-देवताओं पर दिल्ली में अभद्रता, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जातीय टिप्पणियां ये सब कुछ इस और इशारा करता है. यह संगठन हिंदुओं की अखंडता और क्षत्रियों के शौर्य पर लगातार कुठाराघात कर रहा है. क्षत्रिय महासभा युवा ने कहा कि जिस तरह मुगल आक्रांताओं ने भारत की अस्मिता पर लगातार हमले किए. वही, काम आज चंद्रशेखर द्वारा किया जा रहा है. भीम आर्मी चीफ पर हुआ हमला महज एक नौटंकी है, जो चंद्रशेखर ने खुद सुनियोजित किया है. राजनीतिक लाभ उठाने के लिए चंद्रशेखर ने अपने ऊपर खुद हमला कराया है.