सहारनपुर:उत्तर प्रदेश पुलिस अपराधियो पर अंकुश लगाने के दावे कर रही है. अधिकारियों की वाहवाही लूटने के लिए थानेदार निर्दोष लोगों को जेल भेजने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं. जनपद के थाना देहात कोतवाली पुलिस का बड़ा कारनामा सामने आया है. पुलिस ने एक निर्दोष व्यक्ति को इसलिए जेल भेज दिया क्योंकि उसका और पिता का नाम अपराधी से मिलता था. हालांकि पीड़ित अपनी बेगुनाही के सबूत दिखाता रहा, लेकिन पुलिस की लापरवाही के चलते निर्दोष को एक दिन जेल की हवा खानी पड़ी. पुलिस ने बिना जांच पड़ताल किए ही इकराम नाम के व्यक्ति को दूसरे इकराम की जगह गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जबकि सबूत और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने अगले ही दिन उसको जमानत देकर पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं. पीड़ित के मुताबिक पुलिस के इस कारनामे से उसकी छवि खराब हुई है. इससे वह मानसिक तनाव में है.
थाना देहात कोतवाली इलाके के चौधरी विहार में रहने वाले इकराम ने 2015 में श्रीराम फाइनेंस कंपनी से गाड़ियों पर 1.50 लाख रुपये का लोन लिया था. लेकिन, किन्ही कारणों के इकराम लोन की किस्तें नहीं चुका पाया. इसके चलते फाइनेंस कंपनी ने थाना देहात कोतवाली में इकराम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. लंबे समय से आरोपी इकराम फरार चल रहा था यही वजह है कि पुलिस ने अदालत से NBW वारंट जारी किया थे. हैरानी की बात तो ये है कि 7 अगस्त को पुलिस ने असली इकराम के बजाए कृष्णा इंक्लेव में रहने वाले चौधरी इकराम को गिरफ्तार कर लिया जबकि चौधरी इकराम अपने को बेगुनाह बताता रहा, लेकिन पुलिस ने गुडवर्क दिखाने की जल्दबाजी में उसकी बेगुनाही के सबूत देखना तो दूर उसकी सुनवाई भी नहीं की.