सहारनपुर: फतवों की नगरी एवं इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब दारुल उलूम के नाम से विवादित फतवा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. बताया जा रहा है कि यह फर्जी फतवा माहौल खराब करने की कोशिश में किसी असामाजिक तत्व ने वायरल किया है.
दारुल उलूम देवबंद के नाम से फर्जी फतवा वायरल. दारुल उलूम प्रबंधन ने वायरल फतवे का न सिर्फ खण्डन किया है. बल्कि थाने में तहरीर देकर फतवा वायरल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग है.
एसएसपी दिनेश कुमार पी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए साइबर सेल को फर्जी फतवे की जांच के निर्देश दिये हैं.
बता दें कि सहारनपुर में कई दिनों से एक कथित फतवा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. फतवे में न सिर्फ भड़काऊ बातें लिखी गई हैं, बल्कि आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस फतवे को देवबंद दारुल उलूम का फतवा बताया जा रहा है, जिसके बाद दारुल उलूम प्रबंधन में हलचल मच गई.
आनन-फानन में इसकी पड़ताल की गई तो देवबंद दारुल उलूम देवबंद ने फतवे को फर्जी करार दिया. फतवा विभाग के जिम्मेदार असरफ उस्मानी ने फोन पर बातचीत में बताया कि जिस उलेमा के नाम से यह फतवा जारी हुआ है. उस नाम का कोई भी उस्ताद देवबंद दारुल उलूम में नहीं है. वहीं फतवा विभाग ने भी इस फतवे को किसी शरारती व्यक्ति की शरारत करार दिया है, जिसकी शिकायत पुलिस में की गई है. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दारुल उलूम की शिकायत पर फर्जी फतवा वायरल की जांच के साथ अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.