उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

आदिवासी जैसा जीवन जीने के लिए मजबूर हैं इस बस्ती के लोग - उत्तर प्रदेश समाचार

सहारनपुर में आजादी के बाद भी एक कालोनी मूलभूत सुविधाओं को तरस रही है. इस बस्ती में न बिजली है, न सड़क है और न पानी है. इतना ही नहीं यहां के लोग वोट देने के अधिकार से भी आज तक वंचित हैं.

मूलभूत सुविधाओं को तरस रही यह कालोनी.
मूलभूत सुविधाओं को तरस रही यह कालोनी.

By

Published : Feb 18, 2021, 4:34 PM IST

सहारनपुर: न खुदा ही मिला ना विसाले सनम, न इधर के हुए न उधर के हुए... किसी शायर की ये पंक्तियां सहारनपुर के कस्बा बेहट से सटी इंदिरा कालोनी के लोगों पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं. यहां के लोग आजादी के 7 दशक बीत जाने के बाद भी बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं को तरस रही है. न तो इनको नगर पंचायत चुनाव में वोट डालने का अधिकार है और न ही किसी ग्राम पंचायत में.

मूलभूत सुविधाओं को तरस रही यह कालोनी.

कहने को तो देश को आजाद हुए 70 साल से ज्यादा का समय गुजर चुका है, लेकिन अगर इंदिरा कालोनी की बात की जाए तो यहां के लोग आदिवासी के बराबर जीवन यापन कर रहे हैं. इस हाईटेक युग मे जहां देश और प्रदेश की सरकारें डिजिटल इंडिया और विकास की बात करती हैं, तो वहीं इंदिरा कालोनी की हालत इसके बिल्कुल उलट है. कालोनी के लोगों की माने तो वह कहने को तो नगर पंचायत बेहट से लगी हुई कालोनी में रहते हैं, लेकिन यहां सुविधाओं जैसा कुछ भी नहीं है. कालोनी से चन्द कदम पर पूरा कस्बा रोशनी से जगमगाता दिखाई देगा. वहां पर सड़कें, पीने के पानी के लिए फ्रीजर और स्कूल सभी मूलभूत सुविधाएं हैं, लेकिन इंदिरा कालोनी में ऐसा कुछ भी नहीं है.

दरअसल, इंदिरा कालोनी न तो नगर पंचायत बेहट में शामिल है और न ही किसी ग्राम पंचायत में. यहां ज्यादातर गरीब तबके के लोग निवास करते हैं. हालांकि कुछ जिम्मेदार लोगों ने इस कालोनी का विकास कराने का बीड़ा उठाया, धरना-प्रदर्शन किया गया. तब कुछ लोगों के राशन कार्ड बनाएं गए और उन्हें पास के गांव मुर्तजापुर की राशन डिपो से अटैच किया गया. यहां के लोगों का कहना है कि कालोनी में 2-3 सरकारी हैंडपंप लगाए गए थे, जो रिबोर न होने के कारण आजतक ठप्प पड़े हुए हैं. जल निगम, नगर पंचायत या फिर किसी ग्राम पंचायत द्वारा आजतक यहां पेयजल की व्यवस्था आज तक नहीं की जा सकी है. इंदिरा कालोनी में विधायक निधि से कुछ मीटर सड़क जरूर बनाई गई, लेकिन उसका लाभ पूरी कालोनी को नहीं मिल सका.

पिछले कई बरसों से यहां खड़े बिजली के पोल आज भी विद्युत लाइन खींचे जाने की बाट जोह रहे हैं. लोगों का कहना है कि उन्हें आधार कार्ड, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भटकना पड़ता है. यहां के लोग नगर पंचायत में जाते हैं तो उन्हें ब्लॉक में भेज दिया जाता है और ब्लॉक में जाएं तो नगर पंचायत भेज दिया जाता है. इंदिरा कालोनी के लोगों की मांग है कि या तो उन्हें नगर पंचायत की सीमा में शामिल किया जाए या फिर ग्राम पंचायत का दर्जा दिया जाए, ताकि वह भी समाज का हिस्सा बनकर अपना जीवन गुजार सकें.

ABOUT THE AUTHOR

...view details