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सहारनपुर : दारुल उलूम के छात्रों ने कहा, 'हिंदू-मुसलमानों की एकता और भाईचारे से अमन-चैन बना हुआ है'

ईटीवी भारत से बातचीत में मदरसों के छात्र इस बात को स्वीकार करते हैं कि फतवों की नगरी में हिंदू-मुसलमानों की एकता और भाईचारे से अमन-चैन बना हुआ है.

दारुल उलूम देवबंद

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Published : Mar 2, 2019, 10:38 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर : 21 फरवरी को एटीएस ने छापेमारी कर देवबंद की नाज मंजिल से दो आतंकियों को गिरफ्तार किया था. इसके साथ ही दारुल उलूम एवं अन्य मदरसों में रहकर पढ़ाई करने वाले संदिग्ध करीब एक दर्जन छात्रों को भी साथ ले जाकर पूछताछ की थी. पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था. इसके बाद से वहां अमन-चैन का माहौल कायम है.

वहां के छात्रों ने बताया कि 1-2 दिन कुछ शरारती तत्वों ने माहौल खराब करने की कोशिश की, लेकिन अब माहौल एकदम ठीक है. वहीं देवबंद के छात्रावासों में एटीएस की कार्रवाई को लेकर स्थानीय सांसद राघव लखनपाल शर्मा का कहना है कि आतंकवादी देश में कहीं भी रहे, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

जानिए क्या बोले दारुल उलूम देवबंद के छात्र.

दरअसल, देवबंद में एटीएस ने 21 फरवरी देर रात मोहल्ला खानकाह की नाज मंजिल में छापेमारी कर एक दुकानदार समेत दर्जन भर छात्रों को हिरासत में लिया था. एटीएस को सूचना मिली थी कि नाज मंजिल में दो आतंकवादी छात्र बनकर रह रहे हैं. एटीएस ने हिरासत में लिए युवकों एवं छात्रों से पूछताछ की तो दो छात्र शाहनवाज तेली और आकिब अहमद मलिक जैश के आतंकी निकले. वहीं बाकी छात्रों (तलबा) को पूछताछ कर सकुशल छोड़ दिया था. पकड़े गए आतंकी शाहनवाज और आकिब को एटीएस अपने साथ ले गई. दोनों आतंकियों ने बताया कि वे यहां रहकर अपने आका के कहने पर भड़काऊ वीडियो के जरिये युवाओं को आतंकी संगठन से जोड़ने की कोशिश कर रहे थे.

आतंकियों के मिलने के बाद दारूल उलूम ने अपने छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए उनको हिदायत जारी की है कि वे अपने छात्रावास में बाहर के किसी भी व्यक्ति को न लाएं और न ही रात को रोकें. समय से बाहर जाएं. बाहर किराए पर मकान न लें. जिन छात्रों को कमरा नहीं मिल पाता तो वे दारुल उलूम प्रबंधन से बात करके अंदर कमरा लेकर रहें ताकि बाहर से आने वाले संदिग्ध युवकों से दूरी बनी रहे.

वहीं ईटीवी भारत से बातचीत में मदरसों के छात्र इस बात को स्वीकार करते हैं कि फतवों की नगरी में हिंदू-मुसलमानों की एकता और भाईचारे से अमन-चैन बना हुआ है. देवबंदी उलेमा भी इस बात को मानते हैं कि दारुल उलूम मुसलमानों के लिए ही नहीं, हिंदू भाइयों के लिए महत्वपूर्ण है. इसके कारण यहां शांति बनी हुई है. जांच एजेंसियां और खुफिया विभाग अपना काम कर रहे हैं. कुछ लोग हैं, जो हिंदू-मुस्लिम एकता को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. वे केवल अपनी राजनीति को चमका रहे हैं.

वहीं, स्थानीय सांसद राघव लखनपाल शर्मा का कहना है कि देश में रहकर कोई भी आतंकी अगर देश की अखंडता को नुकसान पहुंचाएगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. आतंकवाद के सफाये को लेकर भारत सरकार गंभीर है. भारत में रहकर कोई व्यक्ति भारत में आतंक फैलाने की कोशिश करेगा तो उसे पकड़ कर सजा दी जाएगी.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

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