सहारनपुर:उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में ग्राम सचिव का बड़ा कारनामा सामने आया है. ग्राम सचिव ने न सिर्फ जिंदा महिला को मृत घोषित कर दिया बल्कि समाज कल्याण विभाग कार्यालय से मिलने वाली वृद्धा पेंशन भी कटवा दी. जब परिजनों को इसकी जानकारी हुई तो उनके होश उड़ गए.
जानकारी देती बुजुर्ग महिला. परिजनों का आरोप है कि ग्राम सचिव न तो उनके घर आये और न ही किसी परिजन से महिला के होने या ना होने के बारे में कोई जानकारी ली. सचिव ने बिना किसी पूछताछ के ही रिपोर्ट तैयार कर भेज दी. जिससे बुजुर्ग महिला की पेंशन काट दी गई. हालांकि परिजनों को पेंशन कटने का कोई मलाल नही है लेकिन जिंदा महिला को मृत घोषित करने पर झटका लगा है. ग्राम सचिव की इस लापरवाही से परिजन सदमे में है और बुजुर्ग महिला खुद को जिंदा होने के सबूत दे रही है. वहीं, सबंधित अधिकारी मामले की जांच कराने की बात कर रहे हैं.
मामला तहसील बेहट इलाके के गांव चानचक का है. जहां 87 वर्षीय बुजुर्ग महिला बुगली अपने परिवार के साथ रहती है. बुगली को समाज कल्याण विभाग की ओर से पेंशन मिल रही थी. शासन आदेश पर पेंशन धारकों का सत्यापन कराया गया था. इस दौरान गांव चानचक में ग्राम सचिव ने घर बैठे ही सत्यापन कर जिंदा बुगली को मृत घोषित कर दिया. इतना ही नहीं सत्यापन के बाद जांच रिपोर्ट तैयार कर समाज कल्याण विभाग भेज दी . जिसके बाद सबंधित अधिकारी ने विभागीय कार्रवाई करते हुए बुगली की पेंशन बंद कर दी, लेकिन परिजनों को 500 रुपये महिना पेंशन कटने से ज्यादा परेशान ग्राम सचिव के कारनामे से हैं.
परिजनों का आरोप है कि ग्राम सचिव ने सत्यापन के दौरान गांव में परिजनों से कोई बात नहीं की. अपने घर या दफ्तर में बैठकर ही सत्यापन किया है. बुगली के बेटे महिपाल सिंह का कहना है कि इस बाबत जब ग्राम सचिव से बात की तो उसने बात करना तो दूर मिलने से भी मना कर दिया. ऐसे लापरवाह ग्राम सचिव के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और उनकी माता जी की पेंशन लगातर मिलती रहनी चाहिए. मामले में जब जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक कुमार से बात की तो गई उन्होंने मामले की जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया.
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