सहारनपुर:उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय चुनाव का बिगुल बज चुका है. ग्राम प्रधान एवं जिला पंचायत सदस्य, बीडीसी और ग्राम पंचायत सदस्यों समेत चारों पदों के लिए प्रत्याशी भी तैयारियों में जुट गए हैं. वहीं जिला प्रशासन मतदाता सूची, पोलिंग बूथ, पोलिंग टीम की सूची बनाने की तैयारी कर रहा है. चुनाव की तारीख आने से पहले ही प्रत्याशियों ने वोटों का जोड़तोड़ शुरू कर दिया है. ग्रामीणों के बीच पहुंच कर गांवों में विकास कार्य कराने के दावे किए जा रहे हैं. पिछली योजनाओं में गांवो में कितना विकास हुआ है, कितनी योजनाएं ग्रामीणों तक पहुंची है यह जानने के लिए ईटीवी भारत ने सहारनपुर के कांकरखुई गांव में ग्रांउड जीरो पर पहुंच कर न सिर्फ गांव में हुए विकास कार्यों का जायजा लिया बल्कि ग्रामीणों से बातचीत की.
ईटीवी भारत से बातचीत में ग्रामीणों ने न सिर्फ पूर्व में रहे ग्राम प्रधानों का चिट्ठा खोल दिया बल्कि चुनाव से पहले किये गए दावों की पोल भी खोल दी. ग्रामीणों का कहना है कि गांव की गलियों में न तो सफाई होती है और न ही पीने के लिए स्वच्छ पानी और पानी निकासी की व्यवस्था है. जिससे बारिश के दिनों में गंदा पानी गलियों में भरा रहता है. सफाई नहीं होने से नालियों में गंदा पानी ठहरने से बीमारियों का खतरा बना हुआ है.
जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर
ETV भारत की टीम पश्चिम उत्तर प्रदेश के जनपद सहारनपुर के बलियाखेड़ी ब्लॉक इलाके के गांव कांकरखुई पहुंची. जहां गांव की गलियों में कूड़े का ढेर दिखाई दिया. गांव की मुख्य गलियों के साथ छोटी-बड़ी ज्यादातर गलियों में कूड़े के अंबार दिखाई दिए. जिनसे ग्रामीणों को गंभीर बीमारियों का खतरा बना हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि कांकरखुई गांव में एक ही सफाई कर्मचारी तैनात है, जो महीने में एक दो बार ही आता है और प्रधान के घर के आसपास ही सफाई करके चला जाता है.