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हिट एंड रन कानून; मैनपुरी में चालकों का बवाल, पुलिस पर पथराव, कानपुर में टेम्पो-टैक्सी भी बंद - Truck Driver Strike

New Hit and Run Law Protest: नए साल 2024 की शुरुआत होते ही देश के लोगों को बस और ट्रक चालकों की हड़ताल का सामना करना पड़ रहा है. हिट एंड रन कानून का विरोध करते हुए चालक लगातार दूसरे दिन चक्का जाम पर हैं. इससे जहां पेट्रोल पंपों पर तेल खत्म हो गया तो वहीं सब्जियों के दाम पर भी असर पड़ रहा है. इसके साथ ही लोगों को आने जाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 2, 2024, 3:52 PM IST

Updated : Jan 2, 2024, 7:29 PM IST

हिट एंड रन कानून के विरोध पर झांसी से संवाददाता एहसान अली की रिपोर्ट.

सहारनपुर/लखनऊ: हिट एंड रन कानून का विरोध दूसरे दिन भी जारी है. उत्तर प्रदेश में विरोध के चलते बसों और ट्रकों का चक्का पूरी तरह से जाम है. बस स्टेशनों पर गाड़ियां खड़ी हैं और चालक नदारद हैं. इससे यात्रियों को परेशानी हो रही है. इसके अलावा ट्रकों के नहीं चलने से कई पेट्रोल पंप भी सूख गए हैं. जिन पंपों पर तेल है तो वहां गाड़ियों की लंबी-लंबी लाइनें लगी हैं. इतना ही नहीं ट्रकों की हड़ताल से मंडी में सब्जियां भी नहीं पहुंच रही हैं. इससे उनके रेट भी बढ़ गए हैं. जरूरी सामानों के रेट भी बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.

झांसी में पेट्रोल पंप पर लगी भीड़.

झांसी में पेट्रोल खत्म होने की अफवाहःचालकों की हड़ताल के बीच झांसी में ये अफवाह फैल गई कि स्ट्राइक लंबी चलेगी. इससे पेट्रोल पंपों पर तेल खत्म हो जाएगा और मिलेगा नहीं. इस अफवाह पर लोग अपने वाहन लेकर पेट्रोल पंप की ओर तेल भराने के लिए चल दिए, जिससे वहां लंबी-लंबी लाइनें लग गईं. जिसको पेट्रोल मिल गया वह खुशी-खुशी वहां से निकला.

मैनपुरी में चालकों का उग्र प्रदर्शन, पुलिस से भिड़ेःहिट एंड रन कानून के विरोध में बस और ट्रक चालकों ने मैनपुरी में हाईवे पर जबरदस्त प्रदर्शन किया. पुलिस के अधिकारी जब प्रदर्शनकारी चालकों को समझाने गए तो वे उनसे ही उलझ गए. उग्र चालकों ने पुलिस फोर्स पर पथराव कर दिया. इसके जवाब में पुलिस को भी लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. फिलहाल मौके पर शांति है लेकिन, तनाव की स्थिति बनी हुई है.

सहारनपुर में चालकों ने किया दिल्ली यमुनोत्री हाईवे जामःसहारनपुर में हिट एंड रन कानून के विरोध में बस व ट्रक ड्राइवरों ने कलसिया तिराहे पर दिल्ली यमुनोत्री हाईवे को जाम कर दिया. जिसके चलते हाईवे पर दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी लाइनें लग गईं. जाम में फंसे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. हाईवे जाम की सूचना मिलते ही बेहट कोतवाली प्रभारी निरीक्षक योगेश शर्मा फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और ड्राइवरों को समझाने का प्रयास किया. काफी मशक्कत के बाद कोतवाल योगेश शर्मा ड्राइवरों को समझाने में कामयाब हो पाए और जाम खुलवाया. जाम के खुलते ही लोगों ने राहत की सांस ली.

कानपुर में टेम्पो-टैक्सी भी बंदःकानपुर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का एक भी वाहन नहीं चल रहा है. बस-ट्रक के साथ टेम्पो-टैक्सी भी नहीं चल रही हैं. ऐसे में लोग अपने वाहन लेकर निकले तो शहर के हर्ष नगर, कोकाकोला चौराहा, विजय नगर समेत कई पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं. पेट्रोल पंप संचालकों ने फौरन ही स्थिति अनियंत्रित देखते हुए पुलिस को सूचना दी. जैसे ही पुलिस पहुंची तो लोगों ने कतारबद्ध होकर वाहनों में पेट्रोल भरवाया. पेट्रोल पंप संचालकों का कहना था कि लोग काफी घबरा गए हैं. ट्रक और अन्य वाहन चल नहीं रहे. ऐसे में उन्हें ये लग रहा है कि आने वाले दिनों में पेट्रोल मिलना भी बंद हो सकता है.

पेट्रोल पंपों पर तेल के स्टॉक के बारे में बताते एसोसिएशन के अध्यक्ष दयाशंकर सिंह.

पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अध्यक्ष बोले, खत्म होने लगा डीजल-पेट्रोलःटैंकर से पेट्रोल पंप पर डीजल और पेट्रोल की सप्लाई न होने से बड़ा संकट खड़ा हो गया है. पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने साफ कहा है कि आज शाम तक या कल दोपहर तक ही पेट्रोल पंपों के पास डीजल और पेट्रोल है. इसके बाद पंप खाली हो जाएंगे. हालांकि सरकार के जिम्मेदारों का कहना है कि आम जनता को डीजल पेट्रोल की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी. पेट्रोल और डीजल की सप्लाई बहाल रहेगी. सरकार की तरफ से यह भी संदेश दिया गया है कि अफवाहों में बिल्कुल न आएं. पेट्रोल और डीजल की निर्बाध आपूर्ति जारी रहेगी. पेट्रोल कंपनियों से इसे लेकर बात की गई है.

पेट्रोल पंप पर बढ़ती भीड़ को देखते हुए DGP मुख्यालय ने जारी किया अलर्ट: पेट्रोल खत्म होने वाला है, जल्द से गाड़ी का टैंक फुल करवा लो. मंगलवार की सुबह से ही यूपी में यह मैसेज तेजी से वायरल होने के बाद लखनऊ समेत सभी जिलों के पेट्रोल पंपों में गाड़ी को लंबी कतार लग गई. भीड़ को देखते हुए डीजीपी मुख्यालय ने सभी जिलों की पुलिस को अलर्ट कर दिया है. साथ ही पेट्रोल खत्म होने की बात को अफवाह बताते हुए उसका खंडन किया है और लोगों से अपील की है कि किसी के भी कहने पर बेवजह पेट्रोल पंप पर भीड़ न लगाएं.

अफवाहों पर विश्वास न करें, जरूरत हो तभी पेट्रोल पंप पर जाएंःडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि, डीजीपी मुख्यालय स्तर से पूरे प्रदेश के हालातों पर नजर बनाई जा रही है. प्रदेश के सभी पेट्रोल पंपों पर अचानक बढ़ती भीड़ चिंताजनक है. पुलिस लोगों से अपील कर रही है कि अफवाह पर भरोसा न करें. जरूरत पर ही पेट्रोल पंप पर पहुंचे. सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अलर्ट मोड पर रहें, जिन पेट्रोल पंप पर भीड़ हो वहां पुलिस बल तैनात किया जाए. किसी भी स्थिति से कानून व्यवस्था बिगड़ने न पाए.

मारपीट के डर से घर से नहीं निकल रहे बस चालकःव्यावसायिक वाहन चालकों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी है. बस सेवाएं प्रभावित हैं. ट्रक अपनी जगह से नहीं हिल रहे हैं. सिटी बसों का भी संचालन नहीं हो पा रहा है. बस स्टेशन पर हड़ताल के चलते दूसरे दिन यात्रियों का आवागमन भी काफी कम रहा. बस चलाने के लिए चालक घर से इस डर से नहीं आ रहे हैं कि कहीं रास्ते में उनसे मारपीट न हो जाए.

बसें नहीं चलने से यात्रियों को परेशानीःलिहाजा, बसें स्टेशनों पर चालकों के अभाव में खड़ी हैं. रोडवेज अधिकारियों का कहना है कि यात्रियों की सुविधा के लिए बसें निकलवाने के प्रयास किए जा रहे हैं. चालकों को कानून के बारे में समझाया जा रहा है. कुल मिलाकर हजारों बसों का संचालन ठप होने से यात्रियों को असुविधा हो ही रही है. रोडवेज का भी करोड़ों का नुकसान हुआ है, वहीं ट्रकों की हड़ताल के चलते कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. लखनऊ में ही ट्रकों की हड़ताल से पहले दिन ही डेढ़ अरब रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है.

क्या है हिट एंड रन कानूनःहिट एंड रन के मामले में चालकों को 10 साल की सजा का प्रावधान करने वाले प्रस्तावित कानून के खिलाफ चालकों की हड़ताल नए साल के पहले दिन से शुरू हुई है. एक जनवरी से लेकर 30 जनवरी तक ट्रांसपोर्टर संगठन ने हड़ताल का ऐलान कर रखा है. दूसरे दिन मंगलवार को भी रोडवेज की काफी कम संख्या में ही बसे संचालित हो पा रही हैं. अनुबंधित बसों का संचालन ठप है. लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के बस स्टेशनों से काफी कम संख्या में बसों का संचालन नहीं होने से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यात्रियों का भी स्टेशनों पर अभाव है. लखनऊ के चारबाग, कैसरबाग, आलमबाग और अवध बस स्टेशन से काफी कम संख्या में बसों को रूट पर रवाना किया गया.

रोडवेज को आठ से 10 करोड़ का नुकसानःपहले दिन उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को हड़ताल से आठ करोड़ से लेकर 10 करोड़ के बीच नुकसान उठाना पड़ा है. लखनऊ रीजन बंद होने से करीब एक करोड़ का नुकसान हुआ है. दूसरे दिन हड़ताल का असर कुछ काम जरूर हुआ है लेकिन, अनुमान लगाया जा रहा है कि 40% नुकसान आज भी यूपीएसआरटीसी को हुआ है. परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने चालकों से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें. अपना वाहन समझ कर बसों को संचालित करें.

लखनऊ में ट्रक हड़ताल से 150 करोड़ का नुकसानः ट्रकों की हड़ताल से अकेले लखनऊ में ही पहले दिन डेढ़ सौ करोड़ रुपए तक का नुकसान हुआ है. हड़ताल आज भी जारी है. लिहाजा, इतना ही नुकसान आज फिर हो रहा है. ट्रक एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार अगर जल्द फैसला नहीं लेती है तो बड़ा नुकसान सरकार को उठाना पड़ेगा और इससे जनता को भी महंगाई से जूझना पड़ेगा.

30 जनवरी तक हड़ताल का है ऐलानःट्रक और ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश चौहान का कहना है कि जब तक काला कानून वापस नहीं होगा, हड़ताल खत्म नहीं होगी. अभी एक से 30 जनवरी तक ही हड़ताल का ऐलान है. तब तक सरकार को इस कानून को वापस लेना होगा. अगर कोई निर्णय नहीं लेती है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी जाएगी. चालक खुद ही इस कानून से इतना घबराए हुए हैं कि वह वाहन संचालित करने ही नहीं आ रहे हैं.

40 करोड़ चालक हैंःलखनऊ गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज शुक्ला का कहना है कि ट्रकों की हड़ताल की वजह से ट्रांसपोर्ट नगर से ही लखनऊ में 100 करोड़ से लेकर डेढ़ सौ करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. सरकार ने 40 करोड़ ड्राइविंग लाइसेंस चालकों को दे रखे हैं. उनके भाग्य का फैसला भी सरकार के हाथ में है, लेकिन सरकार ने इन चालकों से कोई राय ही नहीं ली और इस तरह का कानून प्रस्तावित कर दिया.

चालकों ने नए कानून को काला कानून बतायाःयह काला कानून चालकों को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं है. सरकार को अगर कानून बनाना ही था तो इन सभी से राय लेनी चाहिए थी. पहले से ही किसी भी दुर्घटना के मामले में दो साल की सजा और 5000 रुपए जुर्माना का प्रावधान है. लेकिन, अब सजा 10 साल करने का प्रस्ताव है जो बिल्कुल सही नहीं है.

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Last Updated : Jan 2, 2024, 7:29 PM IST

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