उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

रामलीला में वाहवाही लूट रहे मुस्लिम कलाकार, साम्प्रदायिक सौहार्द्र का दे रहे हैं संदेश

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में होने वाली रामलीला में कई सालों से मुस्लिम कलाकार विभिन्न किरदारों का रोल निभा रहे हैं. ये कलाकार न सिर्फ रामलीला में अहम रोल निभा रहे हैं, बल्कि इसके साथ ही हिंदू-मुस्लिम सौहार्द्र की मिसाल भी पेश कर रहे हैं.

By

Published : Oct 7, 2019, 12:57 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

मोहम्मद अली

सहारनपुर: देश भर में जगह-जगह रामलीला का आयोजन किया जा रहा है. इन रामलीलाओं में अनेक कलाकार भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान समेत तमाम पात्रों की भूमिका निभा रहे हैं. मुस्लिम कलाकार भी इस दौरान रामायण के पात्रों का किरदार निभा रहे हैं. सहारनपुर के मोहम्मद अली इस बार कुम्भकरण की भूमिका निभाकर हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की अनोखी मिसाल पेश कर रहे हैं.

ईटीवी भारत से बात करते मोहम्मद अली.

मुस्लिम समाज से होने के बावजूद मोहम्मद अली अपनी कला से दर्शकों का दिल जीत रहे हैं. मोहम्मद अली पिछले सालों में रावण का रोल कर चुके हैं, जबकि इस बार वह टीटू नगर की रामलीला में कुम्भकरण के किरदार में अमिट छाप छोड़ रहे हैं. वहीं सलीम नाम का युवक बचपन से ही रामसेना, रावनसेना में बामासुर, नारद, मारीच, अहिरावण समेत कई पात्रों की भूमिका निभाते आ रहे हैं.

इसे भी पढ़ें-बाराबंकी: देवा मेले में बारिश ने डाला खलल

मोहम्मद अली ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि वह करीब 15 सालों से रामलीला के मंच पर काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कालका के रोल से शुरुआत करते हुए धीरे-धीरे मुख्य पात्र रावण और कुम्भकरण की भूमिका की जिम्मेदारी मिल गई. पिछले दो साल मोहम्मद अली ने रावण का किरदार निभाया. वहीं इस बार वह कुम्भकरण की भूमिका में हैं.

समाज के विरोध के बाद भी कर रहे हैं रामलीला
रामलीला में रोल करने को इस्लाम में नाजायज माने जाने को लेकर उन्होंने कहा कि रिश्तेदार और समाज के लोग उनका विरोध कर रहे हैं, लेकिन उनके विरोध का उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. वह भविष्य की रामलीलाओं में भी अभिनय करते रहेंगे. उनकी बीवी, बच्चे और पूरा परिवार उनका साथ निभा रहा है.

इसे भी पढ़ें-बदायूं: सरकारी गोशाला में 22 गोवंशों की मौत, मौके पर पहुंचा प्रशासन

मोहम्मद अली ने बताया कि भगवान और अल्लाह एक ही है. भगवान राम के हाथों रावण और कुम्भकरण का वध किया जाता है. इससे बुराई पर अच्छाई की जीत होती है. रामलीला के मंच के माध्यम से वह मुस्लिम होते हुए अपने अभिनय की अमिट छाप तो छोड़ ही रहे हैं, साथ ही हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल भी पेश कर रहे हैं. इतना ही नहीं एक तरह से वह धर्म और जाति के नाम पर राजनीति करने वालों को भी करारा जवाब दे रहे हैं.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details