सहारनपुर:उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. फरवरी में सहारनपुर के तीन थाना क्षेत्रों के दर्जनों गांव में 200 से ज्यादा लोग जहरीली शराब के शिकार हुए थे. वहीं मंगलवार को बाराबंकी जिले में जहरीली शराब ने अपना कहर फिर बरपाया है.
सहारनपुर शराब कांड के बारे में जानकारी देते एसएसपी. यह भी पढ़ें-बाराबंकी: जहरीली शराब के कारण मासूमों के सिर से उठा पिता का साया
सहारनपुर जहरीली शराब कांड
- सहारनपुर की घटना की बात करें तो यहां 8 फरवरी से शराब के रूप में आई मौत ने जमकर तांडव मचाया था.
- यह जहरीली शराब सैकड़ों लोगों को घटक गई, कितनी मां की गोद उजड़ गईं, तो कितनी बहुएं विधवा हो गईं. इतना ही नहीं सैकड़ों बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया था.
- बावजूद इसके अधिकारियों ने सीओ देवबंद, एसओ नागल समेत 10 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर महज खानापूर्ति करने का काम किया था.
- चौकाने वाली बात ये है कि प्रशासन ने मौतों के आंकड़े को छिपाते हुए कुल 36 लोगों की मौत दर्शाकर मुआवजा रूपी मरहम लगाने का काम किया था.
क्या बोले एसएसपी दिनेश कुमार पी
- फरवरी में सहारनपुर के थाना देवबंद, नागल और गागलहेड़ी इलाके के उत्तराखंड राज्य की सीमाओं से जुड़े दर्जनों गांवों में कच्ची एवं जहरीली शराब ने कहर बरपाया था.
- उत्तराखंड से अवैध तरीके से लाई गई शराब पीने से सैकड़ों लोगों की तबियत बिगड़ गई थी.
- इतना ही नहीं 36 लोग मौत के मुंह में समा गए. शराब कांड के मुख्य आरोपी समेत 32 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया था.
- चौकाने वाली बात ये भी है कि कच्ची शराब बेचने वाले कई लोग भी इस जहर का शिकार होकर बेमौत मारे गए.
- शराब तस्करों के खिलाफ गैंगस्टर एवं रासुका की धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए.
- सहारनपुर से जुड़े मुख्य शराब तस्कर गुर साहब सिंह और लाडी के खिलाफ भी एनएसए की धारा में मामला दर्ज किया गया है.
- चार महीने पहले हुए शराब कांड को लेकर जिला पुलिस की ओर से पूरी कार्रवाई की गई है.
- इसके अतिरिक्त अभी भी मामले की जांच लगातार चल रही है.
- शराब के शिकार मृतकों के बिसरे को गाजियाबाद भेजा गया है, रिपोर्ट में मिथेल एल्कोहल पाया गया है.
- वहीं दूसरी ओर शराब माफियाओं से बरामद शराब का सैंपल लिया था, उसमें भी मिथेल एल्कोहल पाया गया है.
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घटना से संबधित जांच के बाद सीओ देवबंद, एसओ नागल समेत 10 कर्मचारियों को निलंबित किया गया था. प्रारम्भिक जांच के बाद भी वे पुलिस कर्मी दोषी पाए गए हैं, जिसके चलते अब इनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की जा रही है. पूरे मामले की चार्ज सीट कोर्ट में सम्मिट कर दी गई है. जल्द से जल्द इस प्रकरण में ट्रायल शुरू हो जाएगा, ताकि कन्वेंशन तक ले जाया जा सके.
-दिनेश कुमार पी, एसएसपी, सहारनपुर