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Lok Sabha Election 2024 : कांग्रेस में शामिल होंगे वेस्ट यूपी के नेता इमरान मसूद, बसपा से किया गया था निष्काषित - बसपा नेता इमरान मसूद

वेस्ट यूपी के कद्दावर नेता काजी इमरान मसूद (Leader Qazi Imran Masood) की कांग्रेस में फिर से वापसी को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. उन्होंने अभी कोई तारीख जॉइन करने की नहीं बताई है. अगर इमरान मसूद कांग्रेस में शामिल होते हैं तो सहारनपुर मंडल के समीकरण पर भी असर पड़ेगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 4, 2023, 8:43 PM IST

सहारनपुर: पश्चमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम कद्दावर नेता के रूप में पहचान बना चुके काजी इमरान मसूद की कांग्रेस पार्टी में वापसी करने की चर्चाएं तेज हो चुकी हैं. इमरान मसूद जल्द ही कांग्रेस पार्टी का दामन थाम सकते हैं. इमरान मसूद इस बात की खुद पुष्टि कर चुके हैं. हालांकि, उन्होंने अभी तक कांग्रेस जॉइन करने की तारीख नहीं बताई है. इमरान मसूद के कांग्रेस में जाने के बाद एक बार फिर सहारनपुर मंडल के सियासी समीकरण बदल सकते हैं. ऐसे में अगर बसपा INDIA गठबंधन में शामिल होती है तो इमरान मसूद को कांग्रेस की ओर से राज्य सभा में भेजा जा सकता है. यदि बसपा गठबंधन से दूर रही तो एक बार फिर इमरान मसूद का सहारनपुर लोकसभा सीट से 2024 का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है.

वेस्ट यूपी के कद्दावर नेता इमरान मसूद

बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान इमरान मसूद सुर्ख़ियों में आए थे. इमरान मसूद ने पीएम मोदी को लेकर विवादित ब्यान दिया था. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ और इमरान मसूद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भी भेजा गया था. 2014 में इमरान मसूद कांग्रेस के टिकट पर सहारनपुर से लोकसभा प्रत्याशी थे. हालांकि, मतदान के बाद इमरान मसूद को करारी हार का सामना करना पड़ा था और भाजपा के राघव लखन पाल शर्मा की जीत हुई थी.

राजनीतिक घराने में जन्मे इमरान मसूद पूर्व केंद्रीय मंत्री काजी रशीद मसूद के भतीजे हैं, जो सहारनपुर मंडल में ही नहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम नेता के तौर पर जाने जाते हैं. इमरान मसूद वही नेता हैं, जिन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम पद के दावेदार मोदी पर विवादित ब्यान दिया था. इसके चलते इमरान मसूद को जेल की हवा तक खानी पड़ी. इमरान मसूद 2007 में विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़े और सपा के कैबिनेट मंत्री जगदीश राणा को हराकर विधायक चुने गए. इसके बाद उन्होंने नगर पालिका चेयरमैन के चुनाव में जीत हासिल कर नगर पालिका पर कब्जा किया था. खास बात ये है कि इमरान मसूद 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव के साथ 2009 और 2017 के लोकसभा चुनाव हार चुके हैं. इतना ही नहीं 2023 के नगर निकाय चुनाव में बसपा के टिकट पर इमरान मसूद की भाभी भी महापौर का चुनाव हार गईं.

इमरान मसूद ने 2007 में निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद मरहूम चाचा काजी रशीद मसूद की अगुवाई में सपा जॉइन की थी. लेकिन, समाजवादी पार्टी में ज्यादा दिन नहीं टिक पाए और उन्होंने सपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया. कांग्रेस पार्टी में इमरान मसूद का वजूद लगातार बढ़ता चला गया. पार्टी हाईकमान ने न सिर्फ इमरान मसूद को कई बार टिकट देकर चुनाव लड़ाया, बल्कि वरिष्ठ प्रदेश अध्यक्ष तक नियुक्त कर दिया. इतना ही नहीं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने दिल्ली प्रदेश का प्रभारी भी बनाया था. लेकिन, 2022 के विधानसभा चुनाव में मनचाहे टिकट नहीं मिल पाने की वजह से इमरान मसूद ने कांग्रेस को भी बाए-बाए बोल दिया. इसके बाद अपने समर्थकों की सहमति और सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिले. वादे के बाद फिर से समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. हालांकि, इस दौरान इमरान मसूद विधानसभा चुनाव नहीं लड़े.

विधानसभा चुनाव के कुछ महीनों बाद ही किसी बात को लेकर इमरान मसूद की सपा प्रमुख से बात बिगड़ गई और उन्होंने सपा को फिर से अलविदा कह दिया. निकाय चुनाव से ठीक पहले इमरान मसूद बसपा सुप्रीमो मायावती की शरण में पहुंचे. मायावती ने न सिर्फ उन्हें बसपा में शामिल कर लिया, बल्कि उनके सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया. इसका जिक्र इमरान मसूद हर बार करते आ रहे हैं. इमरान मसूद से वादे के मुताबिक, बसपा ने उनकी भाभी खदीजा मसूद को सहारनपुर में महापौर का टिकट देकर चुनाव लड़ाया. लेकिन, भाजपा प्रत्याशी डॉ अजय सिंह के सामने टिक नहीं पाई.

निकाय चुनाव के बाद इमरान मसूद पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए बसपा से निष्काषित कर दिया गया. इसके बाद उनके भाई नौमान मसूद और चचेरे भाई शादान मसूद को भी पार्टी से निकाल दिया गया. बसपा से निष्कासन के बाद काजी परिवार की खूब किरकरी हुई. इमरान मसूद ने अपने समर्थकों के साथ बैठक कर विचार-विमर्श किया और हर हाल में लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बना लिया. इसी बीच उनकी रालोद, सपा और कांग्रेस नेताओं से बातचीत होती रही. बावजूद इसके इमरान मसूद अपने समर्थकों की सहमति के बिना किसी भी पार्टी में जाने से इनकार करते रहे.

इमरान मसूद ने बताया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी उनसे लगातार सम्पर्क कर रहे हैं. राहुल गांधी ने उनकी सभी की शर्तों को मानने का वादा किया. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी में वापसी करने का मन बना लिया. पार्टी हाईकमान के आदेश पर वे कभी भी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकते हैं. 2024 के चुनाव में इमरान मसूद एक बार फिर कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं. इमरान मसूद जिस दल में रहकर काम करते हैं, जनपद में वह पार्टी उप विजेता रहती है. कई विधानसभा चुनाव में 7 में से दो सीटें उनके पाले में आ जाती है.

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