सहारनपुर: पश्चमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम कद्दावर नेता के रूप में पहचान बना चुके काजी इमरान मसूद की कांग्रेस पार्टी में वापसी करने की चर्चाएं तेज हो चुकी हैं. इमरान मसूद जल्द ही कांग्रेस पार्टी का दामन थाम सकते हैं. इमरान मसूद इस बात की खुद पुष्टि कर चुके हैं. हालांकि, उन्होंने अभी तक कांग्रेस जॉइन करने की तारीख नहीं बताई है. इमरान मसूद के कांग्रेस में जाने के बाद एक बार फिर सहारनपुर मंडल के सियासी समीकरण बदल सकते हैं. ऐसे में अगर बसपा INDIA गठबंधन में शामिल होती है तो इमरान मसूद को कांग्रेस की ओर से राज्य सभा में भेजा जा सकता है. यदि बसपा गठबंधन से दूर रही तो एक बार फिर इमरान मसूद का सहारनपुर लोकसभा सीट से 2024 का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है.
बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान इमरान मसूद सुर्ख़ियों में आए थे. इमरान मसूद ने पीएम मोदी को लेकर विवादित ब्यान दिया था. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ और इमरान मसूद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भी भेजा गया था. 2014 में इमरान मसूद कांग्रेस के टिकट पर सहारनपुर से लोकसभा प्रत्याशी थे. हालांकि, मतदान के बाद इमरान मसूद को करारी हार का सामना करना पड़ा था और भाजपा के राघव लखन पाल शर्मा की जीत हुई थी.
राजनीतिक घराने में जन्मे इमरान मसूद पूर्व केंद्रीय मंत्री काजी रशीद मसूद के भतीजे हैं, जो सहारनपुर मंडल में ही नहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम नेता के तौर पर जाने जाते हैं. इमरान मसूद वही नेता हैं, जिन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम पद के दावेदार मोदी पर विवादित ब्यान दिया था. इसके चलते इमरान मसूद को जेल की हवा तक खानी पड़ी. इमरान मसूद 2007 में विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़े और सपा के कैबिनेट मंत्री जगदीश राणा को हराकर विधायक चुने गए. इसके बाद उन्होंने नगर पालिका चेयरमैन के चुनाव में जीत हासिल कर नगर पालिका पर कब्जा किया था. खास बात ये है कि इमरान मसूद 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव के साथ 2009 और 2017 के लोकसभा चुनाव हार चुके हैं. इतना ही नहीं 2023 के नगर निकाय चुनाव में बसपा के टिकट पर इमरान मसूद की भाभी भी महापौर का चुनाव हार गईं.
इमरान मसूद ने 2007 में निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद मरहूम चाचा काजी रशीद मसूद की अगुवाई में सपा जॉइन की थी. लेकिन, समाजवादी पार्टी में ज्यादा दिन नहीं टिक पाए और उन्होंने सपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया. कांग्रेस पार्टी में इमरान मसूद का वजूद लगातार बढ़ता चला गया. पार्टी हाईकमान ने न सिर्फ इमरान मसूद को कई बार टिकट देकर चुनाव लड़ाया, बल्कि वरिष्ठ प्रदेश अध्यक्ष तक नियुक्त कर दिया. इतना ही नहीं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने दिल्ली प्रदेश का प्रभारी भी बनाया था. लेकिन, 2022 के विधानसभा चुनाव में मनचाहे टिकट नहीं मिल पाने की वजह से इमरान मसूद ने कांग्रेस को भी बाए-बाए बोल दिया. इसके बाद अपने समर्थकों की सहमति और सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिले. वादे के बाद फिर से समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. हालांकि, इस दौरान इमरान मसूद विधानसभा चुनाव नहीं लड़े.