सहारनपुर: लॉकडाउन के बाद अनलाॅक का पहला चरण चल रहा है, लेकिन अभी भी संक्रमण का खतरा कम नहीं हुआ है. लॉकडाउन के साथ सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराने की जिम्मेदारी पुलिस महकमे को दी गई. लाॅकडाउन पुलिस विभाग के लिए पूरी तरह चुनौतियों से भरा रहा. कोरोना संक्रमण खतरे के बीच पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ लोगों से लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंस का पालन कराया, बल्कि हॉटस्पॉट इलाकों में डोर टू डोर जरूरी सामान भी पहुंचाया.
सहारनपुर मंडल के डीआईजी ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत ईटीवी भारत से खास बातचीत में डीआईजी सहारनपुर ने कहा कि जुर्माना लगाने और जागरूक करने के बाद भी लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. वहीं उन्होंने बताया कि अनलाॅक में अब जमीनी विवाद के मामले भी बढ़ने लगे हैं, जिससे पुलिस महकमे की चुनौतियां और बढ़ गई हैं.
300 पुलिसकर्मियों का कराया गया कोरोना टेस्ट, रिपोर्ट आई नेगेटिव
डीआईजी उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि पिछले ढाई महीने के लॉकडाउन में दो तरह की चुनौतियां पुलिस के सामने रहीं. एक लोगों को संक्रमण से बचाना और उन्हें जागरूक करना और सोशल डिस्टेंस का पालन कराना. दूसरा ड्यूटी करने के दौरान पुलिसकर्मियों को सुरक्षित रखना. उन्होंने बताया कि सहारनपुर मंडल में करीब 300 पुलिसकर्मियों का कोरोना टेस्ट कराया और सबकी रिपोर्ट निगेटिव आई है. सभी पुलिसकर्मियों को मास्क, सैनिटाइजर, दस्ताने आदि सुरक्षा के लिए दिए गए हैं. लॉकडाउन के पालन के लिए सख्ती भी बरती जा रही है.
मास्क नहीं लगाने पर है जुर्माने का प्रावधान
डीआईजी ने बताया कि लॉकडाउन खुलने के साथ कोविड- 19 की नियमावली में संशोधन किया गया है. इसमें मास्क नहीं लगाने और सोशल डिस्टेसिंग के उल्लंघन करने पर जुर्माने का प्रावधान रखा गया है. इसलिए कार्रवाई के साथ लोगों को नियमों का पालन करने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब पुलिस के लिए चुनौतियां और बढ़ गई हैं. लॉकडाउन खुलते ही लोग बाहर आ रहे हैं, जिससे पुलिसकर्मियों के सामने खुद को संक्रमण से बचाते हुए ड्यूटी करना सबसे बड़ी चुनौती है.
2 करोड़ रुपये वसूला गया जुर्माना
उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि सहारनपुर मंडल में अब तक 2250 मुकदमा दर्ज किया गया और 10 हजार से ज्यादा लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई. इस दौरान दो करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना भी वसूला गया है. उन्होंने बताया कि सबसे पहले जामातियों से संक्रमण फैलने की बात सामने आई थी और 57 विदेशी जमातियों ने वीजा और पासपोर्ट एक्ट का उल्लंघन किया था. सभी देशी-विदेशी जमातियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की गई है. सभी 57 जमाती जेल में सजा काट रहे हैं.
दो लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर आए मंडल में
डीआईजी ने बताया कि पूरे मंडल में 2 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर अब तक आ चुके हैं. इनमें से डेढ़ लाख से ज्यादा मजदूरों को ट्रेन और रोडवेज की बसों से बिहार बॉर्डर तक पहुंचाया गया है, जबकि कुछ मजदूर अपने वाहनों, पैदल और साइकिलों से निकले हैं. उन्होंने बताया कि फिलहाल यहां आने वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या कम है, जिनको क्वारंटाइन कर जांच कराई जा रही है. 17 मई को बिहार के 10 हजार से ज्यादा मजदूरों ने हंगामा काटा था. उस समय डीआईजी ने बिहारी भाषा में बात कर उन्हें शांत कराया.
बढ़ रहे जमीनी विवाद
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में पब्लिक घर में और पुलिस सड़क पर थी. जैसे ही लॉकडाउन खुला, तो आपसी झगड़े, जमीनी विवाद का मामला शुरू हो गया. प्रवासी मजदूर भी वापस लौट कर मामूली कहासुनी में पड़ोसियों से झगड़ा कर रहे हैं. छोटे-छोटे झगड़े पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं. डीआईजी ने बताया कि अगले तीन महीनों में जमीनी विवाद या फिर अन्य विवाद के मामले बढ़ने की संभावना है. अब लोग अपने घरों से बाहर निकलने लगे हैं. ऐसे में लोगों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती रहेगी.