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जानिए विशेषज्ञों की राय, आखिर महामारी के वक्त क्यों जलाए जाते हैं दिए और मोमबत्ती

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 3 मार्च को एक वीडियो संदेश जारी किया. इस संदेश में पीएम मोदी ने लोगों से मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाने का आग्रह किया. आखिर महामारी के वक्त क्यों दिए और मोमबत्ती जलाए जाते हैं, इसके बारे में ईटीवी भारत ने सहारनपुर के पर्यावरणविद् डॉ.एस.के. उपाध्याय से खास बातचीत की. देखिए यह विशेष रिपोर्ट...

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Published : Apr 3, 2020, 11:19 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

why lamps and candles are lit during an epidemic
महामारी के वक्त क्यों जलाए जाते हैं दिए और मोमबत्ती.

सहारनपुर: कोरोना वायरस के ख़ौफ़ से हर कोई गमजदा है. हर किसी को अपनों की चिंता सताने लगी है. हालांकि भारत में कोरोना वायरस को फैलने से काफी हद तक रोका जा रहा है. शुक्रवार की सुबह पीएम मोदी ने देश की जनता को संबोधित करते हुए न सिर्फ लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंस का पालन करने की अपील की है, बल्कि 5 अप्रैल रविवार की शाम 9 बजे 9 मिनट के लिए दिए, मोमबती और मोबाइल की फ़्लैशलाइट जलाने का भी आह्वान किया है.

देखें, यह विशेष रिपोर्ट...

पर्यावरणविद् ने दी जानकारी
पर्यावरणविद् डॉ. एस.के.उपाध्याय ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि हमारे देश में कोरोना महामारी हो, अन्य महामारी हो या फिर कोई और आपदा हो, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत बड़ा संदेश दिया है. वह संदेश यह है कि, 'अंधकार को क्यों धिक्कारें, आओ मिलकर दीप जलाएं'. आज पूरी दुनिया में कोरोना वायरस रूपी अंधकार फैला हुआ है.

'एक साथ दीप जलाने से उत्पन्न होती है दैवीय शक्ति'
उन्होंने कहा कि दीप जलाना सनातन धर्म की प्रथा रही है. शुभ कार्यो के शुरू होने से पहले दीप प्रज्वलित किए जाते हैं, जिससे परिणाम सकारात्मक रहते हैं. एक साथ बड़ी संख्या में दीपक जलाने से न सिर्फ दैवीय शक्ति उत्पन्न होती है, बल्कि इससे मानव जाति की एकता एवं अखंडता का भी पता चलता है, जिसके चलते हताशा और निराशा, आशा में बदल जाती है. एक दीपक जलाकर उस अंधकार को दूर किया जा सकता है. इसलिए पीएम मोदी ने देश की जनता से 5 अप्रैल की शाम 9 बजे घर की लाइट बंद कर 9 मिनट के लिए दीप, मोमबती और मोबाइल फ्लैश जलाने का आह्वान किया है.

'अपने दीपक खुद ही बन जाओ'
डॉ. एस.के.उपाध्याय बताते हैं कि पीएम मोदी ने इसके अलावा एक संदेश ओर दिया है कि अपने दीपक अपने आप बन जाओ. जब आप अंधकार कर देंगे, पूरा देश एक साथ एक समय पर अंधकार कर देगा, उसके बाद 130 करोड़ की आबादी एक-एक दीपक, मोमबती और मोबाइल फ्लैश जलाएगी तो उसकी रोशनी कुछ अलग ही होगी.

...दीप जलाने के पीछे यह है पीएम मोदी का संदेश
उन्होंने बताया कि असली रोशनी का आभास अंधकार के बाद ही होता है. इस आह्वान में मोदी जी कहना चाहते हैं कि कोरोना वायरस की महामारी से निराश होने की बात नहीं है. एक दीपक जला दो, एक दीपक अपने आप बन जाओगे तो निराशा का अंधकार दूर हो जाएगा. अगर किसी को निराशा हो जाए तो वो उसके लिए अच्छा नहीं होता. दीप जलाने के लिए पीएम मोदी का यही संदेश है.

'पीएम के संदेश को लेकर उपजी आशंकाएं'
डॉ. एस.के.उपाध्याय ने आगे बताया कि आज पीएम मोदी के जारी वीडियो संदेश में लोग विभिन्न आशंकाएं लगाए बैठे थे. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते कर्फ्यू की घोषणा की जा सकती है. मरकज़ से निकले कोरोना पीड़ितों के बारे में कुछ बोलेंगे, लेकिन पीएम मोदी ने उनका जिक्र ही नहीं किया.

इस वजह से जमातियों पर नहीं बोले पीएम मोदी
डॉ. एस.के.उपाध्याय ने मरकज़ जमातियों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ये कुछ चंद लोग हैं, जिन्हें मोदी जी ने लिफ्ट ही नहीं दी. निजामुद्दीन की मरकज़ में 8000 जमाती इकट्ठे हुए और देश भर में निकल गए. ऐसे लोगों के लिए देश के पीएम को कुछ भी बोलना शोभा नहीं देता और पीएम मोदी ने वही किया. उनके बारे में कुछ नहीं बोले.

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पीएम मोदी के दीपक जलाने के आह्वान पर 100 फीसदी समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि अंधकार के बाद जब रोशनी होगी तो कहीं न कहीं ऐसी महामारियों पर असर डालती है, जिससे मानव जाति को बचाया जा सकता है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

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