सहारनपुर: कोरोना काल के दो साल बाद सावन महीना आते ही कांवड़ यात्रा का आगाज हो चुका है. कोरोना के बाद अनलॉक होने पर इस बार कांवड़ियों की संख्या में भी इजाफा होने की संभावना है. कांवड़ यात्रा को सफल संपन्न कराने के लिए पुलिस अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं. यही वजह है कि डीजीपी और मुख्य गृह सचिव अवनीश अवस्थी कांवड़ यात्रा को लेकर पश्चमी उत्तर प्रदेश का भ्रमण कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे चुके हैं. खास बात ये है कि हरिद्वार का पड़ोसी मंडल होने के चलते सबसे ज्यादा कांवड़ियां सहारनपुर मंडल के तीनों जिलों से होकर गुजरते हैं. हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर से करोड़ों की संख्या में कांवड़ियां कांवड़ में गंगा जल भरकर अपने गंतव्य को जाते हैं. कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने कमर कस ली है.
सावन का महीना आते ही कांवड़ मेला शुरू हो जाता है. देश भर के विभिन्न राज्यों से करोड़ों शिव भक्त हर की पैड़ी हरिद्वार से गंगाजल भर कर अपने गंतव्य को प्रस्थान करते हैं. वे महाशिवरात्रि के दिन अपने आराध्य देवों के देव महादेव को जलाभिषेक कर धर्म लाभ उठाते हैं. हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों से करोड़ों की संख्या में कांवड़िए सहारनपुर समेत मंडल के मुजफ्फरनगर, शामली तीनों जिलों से होकर अपने गंतव्यों को जाते हैं. पिछले दो साल कोरोना महामारी की वजह से कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंद होने के बाद इस बार कांवड़ यात्रियों की संख्या में इजाफा होने की संभावना जताई जा रही है. कांवड़ियों की भीड़ पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती बन सकती है.
ETV भारत से EXCLUSIVE बातचीत में डीआईजी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि कांवड़ यात्रा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. कोरोना महामारी की वजह से दो साल बाद कांवड़ यात्रा शुरू हो रही है. इसके चलते इस बार शिव भक्त यानि कांवड़ियों की भीड़ भी ज्यादा होने की संभावना है. इस बार मौसम भी बहुत अच्छा है. बीच-बीच में बारिश भी हो रही है. लगातार बारिश की वजह से भीषण गर्मी से निजात मिली है. हरिद्वार से कांवड़ में गंगाजल लेकर अपने गंतव्य को आसानी से जा सकेंगे.
DIG सुधीर कुमार ने बताया कि पिछले सालों में करीब डेढ़ करोड़ कांवड़ियां सहारनपुर मंडल से होकर अपने गंतव्य को जाते थे. लेकिन, इस बार यह संख्या बढ़कर ढाई करोड़ से ऊपर जाने की संभावना है. सहारनपुर, मुजफ्फरनगर जिले उत्तराखंड की सीमा से लगे हुए हैं. हरिद्वार के पड़ोसी जिले होने के नाते सबसे ज्यादा कांवड़िए इन्हीं जनपदों से अपने गंतव्य को जाते हैं. कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले कई बैठके हुई हैं. बैठकों में संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश दिए गए थे. सभी विभागों ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं.
DIG ने बताया कि कांवड़ मार्ग को शिवभक्तों के लिए खाली करा दिया गया है. रूट डायवर्ट कर सभी वाहनों को दूसरे रास्तों से निकाला जा रहा है. सड़कों के गड्ढे मिट्टी से भरवा दिए गए हैं. कांवड़ियों के लिए हरिद्वार से आने वाले रास्ते को वन वे कर दिया गया है. कांवड़ मार्ग पर किसी भी हल्के भारी वाहन को जाने की अनुमति नहीं है. सुरक्षा की बात करें तो स्थानीय पुलिस के साथ पीएसी औऱ पैरामिलिट्री फोर्स को लगाया गया है. बाहरी जिलों से भी अतिरिक्त पुलिस बल मंगवाया गया है. कांवड़ मार्ग पर हरिद्वार बॉर्डर से हरियाणा बॉर्डर तक सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. कांवड़ मार्ग को जोन और सेक्टर में बांटा गया है. हर जोन में जोनल मजिस्ट्रेट और सेक्टर में सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं.