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सहारनपुर में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनी प्रिंसिपल, 20 साल बाद हुआ खुलासा - फर्जी दस्तावेज के आधार पर बनीं प्रिंसिपल

यूपी के सहारनपुर जिले में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पिछले 20 सालों से नौकरी कर रही महिला प्रिंसिपल के बारे में खुलासा हुआ है. साल 2000 में सरिता शर्मा ने फर्जी तरीके से विषय विशेषज्ञ की नौकरी हासिल की थी, जिसकी जांच अब की जा रही है.

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रिंसिपल बनी सरिता शर्मा.
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रिंसिपल बनी सरिता शर्मा.

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Published : Mar 19, 2020, 4:06 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: जिले के एक कन्या इंटर कॉलेज में प्रिंसिपल की फर्जी नियुक्ति का मामला सामने आया है. सरिता शर्मा ने साल 2000 में फर्जी अनुभव पत्रों के आधार पर विषय विशेषज्ञ की नौकरी प्राप्त की थी. वहीं फर्जी तरीके से एसडी कन्या इंटर कॉलेज सहारनपुर की प्रिंसिपल भी नियुक्त हो गईं. बरेली के शिक्षा निदेशक ने जांच की तो सरिता शर्मा के सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए बावजूद इसके शर्मा आज भी कॉलेज में न सिर्फ प्रिंसिपल की कुर्सी पर तैनात हैं, बल्कि सरकारी खजाने से वेतन भी ले रही हैं.

फर्जी दस्तावेजोंं के आधार पर बनीं प्रिंसिपल

2000 में हासिल की थी फर्जी दस्तावेजों से नौकरी

सरिता शर्मा ने साल 2000 में बदांयू जिले के बिल्सी के ए एन इंटर कॉलेज में विषय विशेषज्ञ के रूप में जॉइन किया था. इस पद के लिए नियमानुसार मान्यता प्राप्त विद्यालय में चार साल का अनुभव होना जरूरी है, लेकिन सरिता शर्मा ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों के आधार पर विषय विशेषज्ञ की नौकरी हासिल की थी. 2007 में हुई प्रक्रिया में सरिता शर्मा की नियुक्ति एसडी इंटर कॉलेज सहारनपुर में अंग्रेजी प्रवक्ता के रूप में हो गई, जहां सरिता शर्मा प्रिंसिपल के पद पर नियुक्त हो गईं. शिकायत किए जाने पर बरेली मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशक ने पूरे प्रकरण की जांच कराई तो उनके सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए.

20 वर्षों से कर रहीं हैं फर्जी नौकरी

सरिता शर्मा के विषय विशेषज्ञ की नियुक्ति से लेकर प्रिंसिपल बनने तक फर्जीवाड़े के तमाम साक्ष्य और दस्तावेज ईटीवी भारत के पास मौजूद हैं. चौकाने वाली बात ये भी है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करते हुए सरिता शर्मा 20 वर्षो से लगातार मोटी तनख्वाह ले रही हैं और शिक्षा विभाग को इसकी भनक भी नहीं लगी.

षड्यंत्र की बात कह सरिता शर्मा ने पल्ला झाड़ा

ईटीवी भारत की टीम ने सरिता शर्मा का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने न सिर्फ अपना पक्ष रखने से इनकार कर दिया, बल्कि ईटीवी का माइक उठाकर साइड में रख दिया और अपने खिलाफ षड्यंत्र बताने लगी. विभागीय अधिकारियों से सरिता शर्मा के फर्जीवाड़े के बारे में पूछा तो उन्होंने न सिर्फ फर्जी प्रिंसिपल की नियुक्ति होने की बात स्वीकार की बल्कि उसके खिलाफ कार्रवाई की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया.

सरिता शर्मा ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विषय विशेषज्ञ और प्रिंसिपल की नौकरी पाई है. इसकी जांच बरेली के संयुक्त निदेशक द्वारा किये जाने पर खुलासा हुआ है. सभी दस्तावेज फर्जी पाए जाने पर रिपोर्ट तैयार कर शासन और आयोग को भेजी गई है. आयोग द्वारा ही सरिता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

आरपी शर्मा, संयुक्त शिक्षा निदेशक

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

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