सहारनपुर: जिले के थाना गंगोह इलाके से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी नदीम की गिरफ्तारी से सहारनपुर जिला एक बार फिर सुर्खियों में आया है. यूपी ATS की टीम ने आतंकी संगठन से जुड़े नदीम को गांव कुंडा कलां से गिरफ्तार किया है. ATS की पूछताछ में नदीम ने जैश-ए-मोहम्मद और तहरीक-ए-तालिबान आतंकी संगठनों के लिए काम करना स्वीकार किया है. जैश-ए-मोहम्मद की ओर से उसे बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की हत्या करने का टास्क दिया गया था.
परिजनों की मानें तो नदीम रात भर फोन पर बातें करता रहता था. लेकिन, किससे बात करता था, उसकी उन्हें जानकारी नहीं थी. नदीम फोन कॉल के अलावा व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर भी लगा रहता था. लेकिन जब भी इस बारे में उससे कुछ पूछा जाता था तो वह इन बातों को हमेशा टाल देता था. हालांकि ATS को नदीम के पास से संदिग्ध सामान और पाकिस्तान के मोबाइल नंबर भी मिले हैं.
सूत्रो की मानें तो नदीम इस टास्क को पूरा करने के बाद पाकिस्तान जाना चाहता था. लेकिन समय रहते ATS की टीम ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया. यूपी ATS को खुफिया एजेंसियों से इनपुट मिला था कि, सहारनपुर के गांव कुंडा कलां से पाकिस्तान के नंबरों पर लगातार बात हो रही है. ATS ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 8 अगस्त को थाना गंगोह इलाके गांव कुंडा में दबिश देकर नदीम और तैमूर नाम के दो संदिग्ध युवकों को हिरासत में लिया था. ATS की टीम दोनों भाइयों को लखनऊ ले गई. जहां उनसे पूछताछ की गई तो कई बड़े खुलासे हुए हैं. नदीम ने जहां जैश-ए-मोहम्मद और तहरीक-ए-तालिबान से संबंध होना स्वीकार किया है. वहीं, विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में आई बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा की हत्या की साजिश भी कबूल की है. हालांकि ATS ने तैमूर के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की है.
ग्रामीणों के अनुसार नदीम दो साल पहले उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में नौकरी करता था. जिस कंपनी मे नदीम नौकरी करता था. वहां उसकी मुलाकात एक कश्मीरी युवक से हुई थी. इसके बाद नदीम कश्मीरी युवक के साथ ही किराए पर रहने लगा था. बाद में वह गांव लौट आया. खास बात तो यह है कि, गांव में उसका कोई दोस्त नही था. इसके चलते वह किसी से ज्यादा बातचीत भी नहीं करता था. लेकिन जब ग्रामीणों एवं पड़ोसियों को नदीम का आंतकी संगठनों से संबंध पाया गया तो पूरा गांव हैरान हो गया. ग्रामीणों के मुताबिक नदीम किसी से दोस्ती करना पसंद नहीं करता था. वह अपने गांव में रहकर अपने देश के खिलाफ साजिश रच रहा था. इस बात का उन्हें जरा भी विश्वास नहीं हो रहा.
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नदीम के पिता नफीस ने बताया कि, वह मूल रूप से वे थाना सरसावा इलाके गांव ढिक्का कलां के रहने वाले हैं. उनके ससुर को कोई बेटा नहीं था तो उन्होंने दामाद नफीस को ही अपने पास रहने के लिए बुला लिया था. करीब 40 साल पहले वह अपने परिवार को लेकर अपनी ससुराल कुंडा कलां में आकर रह रहा था. उन्होंने बताया कि, उनका बेटा नदीम महज कक्षा आठ तक पढ़ा हुआ है. लेकिन मोबाइल पर इंटरनेट चलाने की पूरी जानकारी रखता है. देहरादून से नौकरी छोड़ कर आने बाद वह दिन रात मोबाइल में ही लगा रहता था. आतंकी संगठनों से उसके सबंध है, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है.