सहारनपुर: कोरोना वायरस के साथ अब बरसात के बाद डेंगू ने भी जिले में दस्तक दे दी है. वायरल, टाइफाइड के साथ डेंगू बुखार की दस्तक से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप की स्तिथि बनी हुई है. जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू से निपटने के लिए तमाम तैयारी पुरी पर ली है. जिला अस्पताल में स्पेशल डेंगू वार्ड, डेंगू टेस्ट किट और दवाइयों के साथ डॉक्टरों की टीम 24 घंटे तैयार है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव-गांव पहुंच कर न सिर्फ साफ सफाई करा रही है, बल्कि एंटी लार्वा का छिड़काव कर मच्छरों से बचाव करा रही है. जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने डेंगू के लक्षण एवं उपचार के बारे विस्तृत जानकारी दी.
डेंगू निपटने के लिए कितना तैयार है स्वास्थ्य विभाग
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसएस लाल ने बताया कि जिला अस्पताल में एक डेंगू स्पेशल वार्ड तैयार किया गया है. डेंगू स्पेशल वार्ड में डॉक्टरों की टीम से लेकर दवाइयां, पर्याप्त मात्रा में डेंगू टेस्ट किट, इंजेक्शन आदि सब तैयार हैं. ऐसे में यदि डेंगू सस्पेक्टेड मरीज आता है, तो उसकी पूरी जांच की जाएगी. डेंगू स्पेशल डॉक्टरों की टीम को पूरी तरह से अलर्ट रखा गया है.
आसपास पानी इकट्ठा न होने दें आमजन
सीएमएस डॉ. एसएस लाल ने आमजन को सलाह देते हुए कहा कि वे अपने आसपास पानी इकट्ठा न होने दें. क्योंकि बंद पड़े एवं गंदे पानी में मच्छर पनपते हैं. डेंगू मच्छर से बचने के लिए सभी को अपने घरों में रखे कूलर, बेकार पड़े टायरों, छत पर पड़े मिट्टी के बर्तन आदि से पानी सूखा कर उल्टा रख दें. ताकि बरसात आने से उन में पानी भर कर मच्छर न पैदा होने पाएं.
जानिए क्या हैं डेंगू बुखार के लक्षण और उपाय
सीएमएस ने डेंगू बुखार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि डेंगू बुखार होने पर व्यक्ति को बुखार आता, सर एवं बदन में दर्द, जोड़ो में जकड़न एवं दर्द होने लगता है. इस तरह के लक्षण मिलने पर तुरंत सरकारी अस्पताल पहुंचे. टेस्ट किट के जरिए डेंगू की जांच कराएं. सबसे शुरुआती लक्षण बुखार के होते हैं. समय पर इलाज नहीं मिलने पर हेमरेजिंग डेंगू बन जाता है. इसमें मरीज को ब्लीडिंग होना शुरू हो जाती है, जो मरीज के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है.
डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स कम होने लगती है
डेंगू बुखार होने पर सबसे पहले मरीज को जिला अस्पताल आकर अपनी जांच करानी होगी. डेंगू की बीमारी होने पर मरीज की प्लेटलेट्स कम होने लगती है. जिससे मरीज को ब्लीडिंग होने का खतरा बन जाता है, लेकिन प्लेटलेट्स कम होने पर घबराने की आवश्यकता नहीं है. डेंगू बुखार में इलाज के साथ साथ खान-पान का भी ध्यान रखना है. अगर किसी मरीज की प्लेटलेट्स 20,000 से नीचे आ जाती है, तभी घबराने की बात है. प्लेटलेट्स अपने आप बढ़ जाती है. प्लेटलेट्स की समस्या खाने पीने ठीक हो जाती है.