सहारनपुर में फर्जी मेडिकल बनाने वाला चिकित्सक गिरफ्तार. सहारनपुर : पुलिस ने मोटी फीस लेकर फर्जी मेडिकल बनाने वाले चिकित्सक काे गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी डॉक्टर की गलत रिपाेर्ट पर कई निर्दोषों काे जेल भी हाे चुकी है. शनिवार काे थाना जनकपुरी पुलिस ने जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर बीडी शर्मा को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद आरोपी काे काेर्ट में पेश किया गया. यहां से उसे जेल भेज दिया गया. डॉक्टर ने जमानत याचिका लगाई थी. अदालत ने इसे खारिज कर दिया.
एसएसपी विपिन ताड़ा ने बताया कि डॉ. बीडी शर्मा पर फर्जी मेडिकल बनाकर बेगुनाहों को जेल भिजवाने के आरोप लगे थे. फर्जी मेडिकल के इस खेल में अकेला डॉक्टर ही शामिल नहीं था, एक वकील और कई दलाल भी उसके साथ थे. जांच के लिए स्पेशल टीम गठित की थी. जांच टीम की रिपोर्ट में आरोप सही पाए गए. इसके बाद डॉक्टर काे पकड़ लिया गया.
बता दें कि 3 जनवरी को थाना जनकपुरी इलाके के गांव सड़क दूधली निवासी एक महिला एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा के कार्यालय में तहरीर देकर ससुरालियों पर उत्पीड़न के आराेप लगाए थे. तेजाब से जलाने की भी बात कही थी. उस वक्त महिला के हाथ मामूली रूप से झुलसे हुए थे. एसएसपी ने महिला को जिला अस्पताल में मेडिकल के लिए भेजा था. वहां डॉ. बीडी शर्मा ने एक वकील के कहने पर महिला का फर्जी मेडिकल बना दिया. डॉक्टर ने विवाहिता के दोनों हाथ तेजाब से झुलसने की रिपोर्ट लगाई थी.
मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने विवाहिता के पति और ससुरालियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी. एसएसपी विपिन ताड़ा ने बताया कि इसी बीच पुलिस के हाथ एक मोबाइल फोन की ऑडियो रिकार्डिंग लग गई. इसमें कोतवाली रामपुर मनिहारान के गांव चकवाली निवासी फरजंद और डॉ. बीडी शर्मा आपस में मेडिकल को लेकर बातचीत करते सुनाई दिए. कॉल रिकार्डिंग के आधार पर पुलिस ने फरजंद को गिरफ्तार कर लिया. फरजंद ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह डॉ. बीडी शर्मा से फर्जी मेडिकल बनवाता है. स्वीकार किया कि महिला के हाथों पर तेजाब की बूंदें खुद ही डाली गईं थीं. झूठी रिपाेर्ट पर महिला के पति व ससुरालियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर लिया गया था.
इस साजिश में गांव घान्नाखंडी निवासी एक अधिवक्ता और उसका मुंशी भी शामिल है. डॉ. बीडी शर्मा द्वारा फर्जी मेडिकल बनाने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी मोटी रकम लेकर वह फर्जी मेडिकल बनाता रहा है. साक्ष्य एवं फरजंद के बयानों के आधार पर पुलिस ने फरजंद, डॉ. बीडी शर्मा, अधिवक्ता और उसके मुंशी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली. पुलिस ने कोर्ट में पेश कर फरजंद को जेल भेज दिया था. बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के पुलिस प्रयास कर रही थी.
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