सहारनपुर:लॉकडाउन की वजह से उधोग धंधे ठप होने से सबसे ज्यादा असर प्रवासी मजदूरों पर पड़ा है. देश की आर्थिक हालत बिगड़ती देख भारत सरकार ने 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज देने की घोषणा की है. यह राहत पैकेज उधमियों से लेकर, किसान, मजदूर, प्रवासी मजदूर समेत हर वर्ग की जरूरतों को देखते हुए जारी किया गया है. कोरोना महामारी काल सरकार द्वारा जारी किए गए इस राहत पैकेज को लेकर एक बहस छिड़ गई है. विपक्ष ने इस राहत पैकेज पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं. पूर्व विधायक एवं कांग्रेस के कद्दावर नेता इमरान मसूद ने राहत पैकेज को लेकर न सिर्फ सरकार पर सवाल उठाये हैं, बल्कि प्रवासी मजदूरों के पलायन को मोदी सरकार की नाकामी करार दिया है.
ईटीवी भारत से बातचीत में इमरान मसूद ने बताया कि बीजेपी सरकार देश की जनता को राहत देने के बजाए ऋण देने की बात कही है. इस महामारी में गरीबों के सामने खाने पीने के लाले पड़े हुए हैं तो वह लोन की किस्त कहां से जमा कर पाएंगे. वहीं पीएम केयर फंड से 2000 करोड़ रुपये सरकार ने वेंटिलेटर के लिए जारी किया है, जबकि स्तिथि ये है कि इस महामारी से निपटने के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक से डेढ़ लाख मिलियन डॉलर का लोन लिया है. वर्ल्ड बैंक से 1 मिलियन डॉलर लोन लिया हुआ है. यानी एक लाख 94 हजार करोड़ रुपया सरकार ने कर्ज ले लिया. 2 हजार करोड़ रुपये पीएम केयर फंड में आया था.