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लॉकडाउन में चरमराई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना हुआ मुश्किल, व्यापारी परेशान - लॉकडाउन में चरमराई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना हुआ मुश्किल

कोरोना वायरस से इस समय हर कोई परेशान है. लॉकडाउन में फैक्ट्री, कारखानें, कारोबार सब एक साथ बंद हो गए, जिससे देश की अर्थव्यवस्था कमजोर हो गई. लॉकडाउन में बिगड़ी अर्थव्यवस्था लेकर ईटीवी भारत व्यापारियों और अधिकारियों के बीच पहुंचा, जहां व्यापारियों ने अपना दर्द साझा किया और लॉकडाउन में हुए नुकसान के बारे में बताया.

लॉकडाउन में चरमराई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना हुआ मुश्किल
लॉकडाउन में चरमराई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना हुआ मुश्किल

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Published : Jun 14, 2020, 2:40 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

सहारनपुर: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया मे ऐसा कोहराम मचाया कि भारत समेत दुनिया का हर देश लॉकडाउन का शिकार हो गया. लॉकडाउन में फैक्ट्री, कारखानें, कारोबार सब एक साथ बंद हो गए, जिससे अर्थव्यवस्था भी चरमरा गई. देश में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू और 25 मार्च को सम्पूर्ण लॉकडाउन लागू कर दिया गया. हवाई यात्रा से लेकर रेल, बस सेवाएं और बाजार तक बंद कर दिए गए.

लॉकडाउन में चरमराई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना हुआ मुश्किल

लगभग ढाई माह के लंबे लॉकडाउन के बाद अनलॉक-1 में सशर्त बाजार और उद्योग धंधे खोलने की अनुमति दे दी गई. इस समय लेफ्ट राइट रोस्टर के हिसाब से बाजार भी खोले जा रहे हैं. बावजूद इसके बाजारों में ग्राहक नहीं हैं, जिससे अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना कारोबारियों के लिए मुश्किल साबित हो रहा है. लॉकडाउन में बिगड़ी अर्थव्यवस्था को लेकर ईटीवी भारत व्यापारियों और अधिकारियों के बीच पहुंचा, जहां व्यापारियों ने अपना दर्द साझा किया और लॉकडाउन में हुए नुकसान के बारे में बताया.

ग्राहकों को दो बार बाजारों के लगाने पड़ते हैं चक्कर

ईटीवी भारत से बातचीत में ग्राहकों ने बताया कि कोरोना वायरस की दहशत में घर से निकलने में डर लगता है, लेकिन जरूरी सामान खरीदने के लिए बाजार आना पड़ रहा है. प्रशासन ने लेफ्ट राइट रोस्टर के हिसाब से बाजार खुलवाए हैं, जिससे ग्राहकों को खरीदारी के लिए दो बार बाजारों के चक्कर लगाने पड़ते हैं.

व्यापारियों की जमा धनराशि हुई खर्च

व्यापारी नेता विवेक मनोचा ने बताया कि ढाई महीने के लॉकडाउन में देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है. व्यापारी ने बताया कि जिस वक्त लॉकडाउन की घोषणा की गई थी उस समय लोग उम्मीद कर रहे थे कि 10 से 15 दिन के अंदर यह लॉकडाउन खुल जाएगा. व्यापारी भी उसी हिसाब में अपनी तैयारियों में था, लेकिन लॉकडाउन ढाई महीने तक चला. जिससे व्यापारियों के पास जो जमा धनराशि थी वह सब खर्च हो चुकी है.

बाजारों में भीड़ लेकिन नहीं हैं ग्राहक

ईद के त्योहार में चूड़ियां, जूते, होजरी कपड़े, रेडीमेड कपड़े के व्यापार में अकेले सहारनपुर के व्यपारियों को 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. व्यापारी ने बताया कि सभी दिनों को मिलाकर इस दौरान हजारों करोड़ के नुकसान के साथ सरकार को भारी राजस्व का नुकसान भी हुआ है. व्यापारियों का कहना है कि अनलॉक-1 शुरू होने के बाद बाजारों में भीड़ तो देखी जा सकती है, लेकिन ग्राहक नहीं हैं. बहुत जरूरी होने पर ही लोग सामान खरीदने के लिए आ रहे हैं.

जिलाधिकारी ने सोशल डिटेसिंग का पालन करने के दिए सख्त निर्देश

इस बाबत जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने बताया कि अनलॉक-1 शुरू होने बाद केवल सिनेमा हॉल को छोड़कर सभी इंडस्ट्रीज, बाजार, रेस्टोरेंट्स, होटल, ढाबे, शॉपिंग मॉल्स और दुकानें सशर्त खुले हुए हैं. होटल, रेस्टोरेंट के साथ शॉपिंग मॉल, शोरूम, फूड पार्क आदि सभी को सोशल डिटेसिंग का पालन करने के लिए सख्त निर्देश दिए गए है कि जितनी उनकी क्षमता है, उसके आधे ग्राहकों को ही वह बैठा सकेंगे.

इस समय सभी इंडस्ट्रीज और कारखाने खुलवा दिए गए हैं. केंद्र एवं राज्य सरकार की गाइडलाइन को फॉलो करने के निर्देश दिए गए हैं. सभी जगह सेनिटाइजर की व्यवस्था के साथ कर्मचारियों का ख्याल रखने के लिए विशेष तौर पर कहा गया है. इसके अलावा सर्राफा बाजार, मिठाई की दुकानें सभी खोली गई हैं. कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है.

अखिलेश सिंह, जिलाधिकारी, सहारनपुर

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

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