सहारनपुर: जिले में प्रशासन की अनदेखी के चलते ग्रामीणों को मास्क नहीं मिल पा रहा था. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था. जिसमे ग्रामीणों ने मास्क की मांग की थी. जिसके बाद ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ. ग्रामीणों की मांग के बाद टीम ने संस्था के साथ मिलकर डॉक्टरों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले हरे रंग के मास्क को बंटवाया. इस पहल से जहां ग्रामीणों में खुशी का माहौल है, वहीं ग्राम प्रधान ने इस पहल की सराहना करते हुए ईटीवी भारत का धन्यवाद किया है.
ईटीवी भारत ने संस्था के मिलकर ग्रामीणों को बंटवाए मास्क गांवों में नहीं हो रहा सेनिटाइजेशन
कोरोना वायरस के चलते सम्पूर्ण भारत में लॉकडाउन लागू किया गया है. खतरनाक बीमारी से बचने के लिए लोगों से न सिर्फ घरों में रहने की अपील की जा रही है, बल्कि मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. चौंकाने वाली बात तो यह है कि शासन प्रशासन नगरीय क्षेत्रों को तो सैनिटाइज करने में लगा है, लेकिन गांव के इलाकों की अनदेखी कर रहा है. जिसके चलते गांवों में मास्क पहुंचाना तो दूर लॉकडाउन के चलते लोग मास्क लेने बाजार भी नहीं जा पा रहे हैं.
6 गांवों में बांटे गए मास्क
इसी बीच 5 दिन पहले ईटीवी भारत ने हम और आप समाजसेवा समिति द्वारा निशुल्क मास्क वितरित की खबर प्रसारित की थी. इस खबर को देखने के बाद ग्राम प्रधानों ने हमारे पोर्टल के माध्यम से ग्रामीणों के लिए निशुल्क मास्क की मांग की. जिसके बाद ईटीवी भारत की टीम ने संस्था अध्यक्ष सुनीता सैनी से इन गांवों में मास्क बंटवाने का आग्रह किया. तो वह इस पहल की सराहना करते हुए टीम के साथ गांवों तक पहुंचकर नि:शुल्क मास्क बांटने के लिए तैयार हो गए. जिसके बाद तहसील बेहट के करीब 6 गांवों में मास्क वितरित किए गए.
हमें ईटीवी भारत के माध्यम से पता चला कि कई गांवों में मास्क की बहुत ज्यादा जरूरत है. ईटीवी भारत की पहल पर हमारी संस्था ने आसपास के कई गांवों में पहुंच कर निशुल्क मॉस्क वितरण किया है. खास बात ये है कि ये मॉस्क उस कपड़े से बनाए गए हैं, जिसे डॉक्टर ऑपरेशन थियेटर में इस्तेमाल करते हैं. डॉक्टरों की सलाह के बाद खादी के हरे कपड़े से मास्क बनाये जा रहे हैं, ताकि कोरोना इंफेक्शन को फैलने से रोका जा सके.
- सुनीता सैनी, संस्था अध्यक्ष