सहारनपुर:मॉब लिंचिंग मामले को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान आया है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसे में मामलों में आरएसएस के कार्यकर्ता मिलते हैं तो उनकी सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी. ऐसे लोगों की आरएसएस में कोई जगह नहीं है. आरएसएस प्रमुख के इस बयान का दारुल उलूम ने न सिर्फ स्वागत किया है, बल्कि उनके इस फैसले की जमकर तारीफ की है.
मोहन भागवत के बयान की देवबंदी उलेमाओं ने की तारीफ. देवबंदी उलेमाओं ने कहा कि मोहन भागवत का मॉब लिंचिंग की घटनाओं में जो बयान आया है. अगर कोई आरएसएस का कार्यकर्ता इसमें पाया जाता है तो वह संघ से निष्कासित हो जाएगा. उनके इस बयान का स्वागत करते हैं. इस पर सख्त से सख्त कानून बनना चाहिए, जिससे मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर रोक लगे.
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देवबंदी उलेमा एवं उपाध्यक्ष इत्तेहाद उलेमा-ए-हिन्द मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि मोहन भागवत ने इस तरीके से बयान दिया है. वे उनके इस बयान की सराहना करते हैं. जिस तरीके से देश के अंदर मॉब लिंचिंग की घटनाए हुई हैं. शरारती लोगों की भीड़ द्वारा बेगुनाह लोगों को शहीद कर दिया जाता है. बिना कुछ जाने उसको जान से मार दिया जाता है.
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मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने इस बयान का समर्थन किया है. यह बड़ा ही अच्छा बयान है और इस तरीके से होना भी चाहिए. वहीं काजी खलीलुर्रहमान ने भी आरएसएस प्रमुख के बयान की तारीफ करते हुए कहा कि उनका यह फैसला सरहानीय है. इससे न सिर्फ मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर अंकुश लगेगा, बल्कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारा भी बना रहेगा. इसके साथ-साथ मोहतमिम साहब ने यह भी कहा है कि जो मॉब लिंचिंग करते हैं या बेगुनाह को मारते हैं, उनके खिलाफ सरकार कानून बनाए और कानून बनाने के बाद ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.