सहारनपुर:ATS द्वारा दारुल उलूम में पढ़ने वाले बांग्लादेशी छात्र की गिरफ्तारी मामले में दारुल उलूम देवबंद का बयान आया है. बांग्लादेशी युवक को दारुल उलूम के कमरा नंबर 61, दर-ए-जदीद से गिरफ्तारी का खंडन किया है. प्रवक्ता अशरफ उस्मानी जहां मीडिया चैनल पर गलत खबर चलाने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं, पकड़े गए युवक फर्जी दस्तावेज बनाने के साथ संस्था का आईकार्ड भी फर्जी करार दिया है.
प्रवक्ता के मुताबिक दारुल उलूम ईद की छुट्टियों के चलते 10 दिन के लिए बंद है. दारुल उलूम रात को 11 बजे पूर्णत बंद हो जाता है और दारुल उलूम कैम्पस में चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. उन्होंने बताया कि ATS सेंटर बुला पूछताछ कर तलाशी लेने पर उसके पास फर्जी दस्तावेज मिले है. जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया है. हालांकि अशरफ उस्मानी ने यह भी कहा कि जो शख्स फर्जी आधार कार्ड, पासपोर्ट आदि बना सकता है उसके लिए दारुल उलूम का सदस्यता प्रमाण पत्र बनाना बड़ी बात नहीं है.
दरअसल, बीती रात यूपी ATS ने फतवों की नगरी देवबंद से फर्जी दस्तावेजों के आधार रह रहे बांग्लादेशी छात्र को गिरफ्तार किया है. प्रेस नोट जारी कर बताया कि साक्ष्यों के आधार पर संदिग्ध युवक को पूछताछ के लिए ATS सेंटर पर बुलाया गया था. जहां तलाशी लेने पर उसके पास फर्जी दस्तावेजों के साथ बांग्लादेशी पासपोर्ट की फोटो कॉपी बरामद हुई है. ATS की पूछताछ में संदिग्ध युवक ने न सिर्फ अपना नाम तलहा निवासी बांग्लादेश बताया बल्कि 2015 से देवबंद में रहने की बात स्वीकार की है. उसने बताया कि वह दारुल उलूम के कमरा नंबर 61, दर-ए-जदीद में रहकर कक्षा आठवीं की पढ़ाई कर रहा था. जबकि कुछ मीडिया संस्थानों ने युवक की गिरफ्तारी दारुल उलूम के कमरा नंबर 61 से होना प्रसारित किया है. इसके चलते दारुल उलूम ने ऐसी खबरों का खंडन किया है.