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दारुल उलूम देवबंद ने जारी किया फतवा, लॉकडाउन के चलते घरों में पढ़ें ईद की नमाज - नमाज-ए-ईद मस्जिद में नहीं होगी अदा

यूपी के सहारनपुर जिले में दारुल उलूम देवबंद ने फतवा जारी किया है. इसमें निर्देश दिया है कि सभी मुस्लिम भाई ईदुल फितर की नमाज घर से ही अदा करें. साथ ही शासन के निर्देशानुसार मस्जिद में न जाएं. फतवे में साफ किया गया है कि जो लोग मजबूरी की वजह से नमाज अदा नहीं कर पाएंगे. उनके लिए नमाज-ए-ईद माफ होगी.

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ईदुल फितर की नमाज पर दारुल उलूम ने जारी किया फतवा.

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Published : May 18, 2020, 11:01 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

सहारनपुर: एक ओर जहां कोरोना वायरस के कहर से पूरी दुनिया दहशत में है. वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हैं. विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान एवं फतवों की नगरी दारुल उलूम देवबंद ने कोरोना से बचाव के लिए फतवा जारी किया है. फतवे में कहा गया है कि ईदुल फितर की नमाज और जुमा की नमाज घरों से अदा करें. जैसा कि शासन प्रशासन के निर्देशानुसार मस्जिद या घरों में अदा करने को कहा गया है.

ईदुल फितर की नमाज पर दारुल उलूम ने जारी किया फतवा.

फतवे में साफ किया गया है कि जो लोग मजबूरी की वजह से नमाज अदा नहीं कर पाएंगे, उनके लिए नमाज-ए-ईद माफ होगी. बता दें कि पिछले दो महीने से पूरी दुनिया कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही है. लगातार कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. भारत में पॉजिटिव मामलों में ज्यादातर मामले मरकज जमाती और उनके नजदीकी में पाए जा रहे हैं.

लगातार बढ़ते पॉजिटिव मामलों के चलते सरकार ने लॉकडाउन पार्ट-4 लागू कर दिया है. इसी कड़ी में फतवों की नगरी दारुल उलूम देवबन्द ने मुसलमानों एवं रोजेदारों के लिए फतवा जारी किया है. मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी के लिखित सवाल के जवाब में दारुल उलूम के मुफ्तियों की खंडपीठ ने जारी फतवे में कहा है कि ईद की नमाज वाजिब है और इसके लिए वही शर्त है, जो जुमा की नमाज के लिए है.

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फतवे में कहा गया कि अगर ईदुल फितर तक लाॅकडाउन जारी रहता है और मस्जिदों में पांच लोगों से ज्यादा नमाज की इजाजत नहीं होती है, तो लाॅकडाउन में पढ़ी जा रही जुमा की नमाज की तरह ही ईद की नमाज भी अदा की जाएगी. साथ ही यह भी लिखा गया है कि जिन लोगों के लिए ईद की नमाज की कोई सूरत न बन सके. उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है. मजबूरी की वजह से उनसे नमाज-ए-ईद माफ होगी. अलबत्ता ऐसे लोग जो नमाज-ए-ईद न पढ़ पाएं, वह अपने-अपने घरों में दो या चार रकाअत चाश्त की नमाज पढ़ लें तो बेहतर रहेगा.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

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