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Published : Aug 5, 2019, 3:26 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

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सहारनपुर: तीन तलाक कानून के विरोध में उतरा दारुल उलूम और जमीयत उलेमा-ए-हिन्द

तीन तलाक पर केंद्र सरकार ने कानून तो बना दिया है, लेकिन इसका विरोध लगातार जारी है. दारुल उलूम देवबंद और जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने तीन तलाक कानून की निंदा की है. साथ ही राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इस पर पुनर्विचार करने की भी मांग की है.

देवबंदी उलेमाओं ने तीन तलाक कानून पर सरकार को घेरा.

सहारनपुर: लोकसभा और राज्यसभा में तीन तलाक कानून पास होने के बाद जहां मुस्लिम महिलाओं में खुशी का माहौल बना हुआ है तो वहीं देवबंदी उलेमाओं ने इस कानून की मुखालफत की है. दारुल उलूम देवबंद ने पहली बार मीडिया के सामने आकर जहां तीन तलाक बिल पर विरोध जताया है तो वहीं, केंद्र सरकार पर मुसलमानों पर इस कानून को जबरन थोपने का आरोप लगाया है.

देवबंदी उलेमाओं ने तीन तलाक कानून पर सरकार को घेरा.
सरकार पर साधा निशाना-
दारुल उलूम देवबंद के उपकुलपति मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी ने मीडिया के सामने आकर बताया कि यह कानून बनाकर शरीयत छेड़छाड़ की गई है, जो इस्लाम के खिलाफ है. जिसके चलते राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कानून लागू करने से पहले पुनर्विचार करने की अपील की गई है. वहीं तीन तलाक कानून को लेकर जमीयत उलेमा ए हिंद ने भी इसका विरोध शुरू कर दिया. अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कानून में संशोधन की मांग करते हुए कहा कि इस कानून से पति पत्नी के बीच ज्यादा तकरार बढ़ेगी और तीन साल जेल में रहने के बाद शौहर पत्नी को न तो खर्च दे सकेगा, न ही उसे दोबारा से पत्नी के रूप में स्वीकार करेगा.
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

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