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सहारनपुर: लॉकडाउन की मार, कूड़े में फेंके जा रहे फूल - floriculture in saharanpur

खेत में लहलहाते ये फूल, शादी-विवाह, और सजावट से लेकर तमाम जगहों की शोभा बढ़ाते थे. आज ये खेतों में खिल तो रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन की वजह से खेतों में ही बर्बाद हो जा रहे हैं. फूल उत्पादकों को बाजार नहीं मिलने से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

flowers is being ruined due to lockdown
flowers is being ruined due to lockdown

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Published : May 3, 2020, 8:42 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

सहारनपुर: लॉकडाउन का असर मजदूर, व्यापारी और किसानों पर साफ दिख रहा है. लेकिन अब इसे देशव्यापी लॉकडाउन का असर बागवानी पर भी दिखने लगा है. लॉकडाउन के कारण सभी तरह के आयोजनों ओर समारोह पर प्रतिबंध लग गया है. जिसका सीधा असर फूल उत्पादकों पर पड़ा है. फूल उत्पादक तैयार फूलों की फसलों को तोड़कर फेंकने को मजबूर है.

फूलों की खेती.

100 से ज्यादा पॉली हाउस-
सहारनपुर में 100 से ज्यादा पॉली हाउस हैं, जहां फूलों की खेती की जाती है. यहां से फूल सीधा दिल्ली की फूल मंडी में सप्लाई किया जाता है. जहां से ये डेकोरेशन के लिए देश भर में भेजे जाते हैं.

फूलों की खेती.

लॉकडाउन में फूलों की मांग न के बराबर-
लॉकडाउन की वजह से शादी समारोह और उत्सवों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. जिसमे फूलों की मांग न के बराबर है. ऐसे में फूल उत्पादक फूल तोड़कर कूड़े में डालने को मजबूर हैं. फूलों का स्टोरेज भी सम्भव नहीं है. फूलों को रोजाना दवाई, खाद्य, पानी, बैंक ब्याज और श्रमिकों के खर्चें ज्यों के त्यों है.

बर्बाद हो रहे फूल.
फूल उत्पादकों की बढ़ी चिंताएं-

लॉकडाउन खुलने के बाद समारोह आदि पर रोक जारी रहने की संभावना को देखते हुए फूल उत्पादकों के माथे पर चिंता की लकीरें और बढ़ गयी हैं.

फूलों की खेती पर कोरोना की मार.
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

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