गले में तख्ती लटकाकर थाने पहुंचा अपराधी. सहारनपुर: जिले में अपराधियों को एनकाउंटर का खौफ इस कदर सताने लगा है कि अपराधी खुद थाने में पहुंचकर न सिर्फ सरेंडर कर रहे हैं, बल्कि जेल भेजने की गुहार लगा रहे हैं. इसी कड़ी फतेहपुर थाना क्षेत्र में शुक्रवार दोपहर को 25 हजार का इनामी तख्ती लेकर पहुंचा, जिसे देखकर वहां मौजूद पुलिसकर्मी हैरान रह गए. तख्ती पर लिखा था कि 'साहब मुझे गिरफ्तार कर जेल भेज दो, मुझे एनकाउंटर का डर लगता है, मैं भविष्य में कभी कोई अपराध नहीं करूंगा'.
एनकाउंटर के खौफ से लूट के अपराधी ने हाल ही में फाइनेंस कंपनी के कलेक्शनकर्ता से लूटी गई 40 हजार की नगदी भी पुलिस को सौंपी है. 25 हजार का इनामी बदमाश मुजफ्फरनगर जिले के बुढ़ाना थाना क्षेत्र का रहने वाला है, जिसने साथियों के साथ मिलकर पिछले दिनों फाइनेंस कंपनी कर्मचारी से लाखों रुपये लूट लिए थे.
बता दें कि पिछले दिनों फतेहपुर थाना क्षेत्र में फाइनेंस कंपनी के क्लेक्शनकर्ता आशु राणा से 3 बदमाशों ने करीब 2 लाख 75 हजार रुपये लूट लिए थे. इसके संबंध में फतेहपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. पुलिस ने लूट की घटना कारित करने वाले 2 अभियुक्तों राहुल व सचिन को 16 मार्च को 1 लाख 70 हजार रुपये नगदी के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. जबकि मुख्य सरगना अभिनव उर्फ सावन पुत्र सुधीर निवासी ग्राम राजपुर छाजपुर थाना बुढ़ाना जनपद मुजफ्फरनगर फरार चल रहा था, जिसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास किये जा रहे थे.
एसपी देहात सागर जैन ने बताया कि फतेहपुर थाना पुलिस फरार अभियुक्त अभिनव उर्फ सावन की गिरफ्तारी के लिए इसके मिलने के संभावित स्थानों पर लगातार दबिश दे रही थी, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला. जिसके चलते पुलिस ने उसके ऊपर 25 हजार का इनाम घोषित कर दिया. 25 हजार का इनाम घोषित होने और लगातार दबिश दिए जाने से बौखलाए अभिनव ने शुक्रवार की दोपहर थाने पहुंचकर सरेंडर कर कर दिया.
अभिनव नाम का अपराधी हाथों में तख्ती लेकर खुद फतेहपुर थाने पहुंचा. थानाध्यक्ष के सामने न सिर्फ सरेंडर कर दिया, बल्कि अपना गुनाह कबूल करते हुए खुद को जेल भेजने की गुहार लगाने लगा. अपराधी ने अपनी जेब से लूट के 40 हजार रुपये वापस लौटा दिए. आवश्यक विधिक कार्यवाही कर अभियुक्त को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश कर जेल भेज दिया गया है.
पूछताछ में अभियुक्त ने बताया कि 'उसका नाम अभिनव उर्फ सावन है. वह मुजफ्फरनगर का रहने वाला है और ग्रेजुएट कर चुका है. वह एक कलेक्शन एजेंट का काम करता था. सचिन ने मकान बनाने के लिए लोन ले रखा था, जिससे वह सचिन के संपर्क में आया. सचिन के पास पैसों की कमी हो गयी थी, लोन की किस्त नहीं भर पा रहा था. राहुल सचिन का दोस्त था. राहुल की भी नौकरी चली गयी थी. मुझे भी जल्दी पैसे कमाने का लालच था. इसी कारण हम तीनों ने लूट की योजना बनायी थी'.
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