सहारनपुर: उत्तर प्रदेश में ईटीवी भारत की खबर का धमाकेदार असर हुआ है. ईटीवी भारत पर खबर प्रसारित होने के बाद यूपी ATS ने एक साथ 6 जिलों में ताबड़तोड़ छापेमारी कर 74 रोहिंग्या मुसलमान और विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया. यूपी ATS की यह कार्रवाई अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है. दो दिन पहले ईटीवी भारत ने पश्चिमी यूपी में 3000 हजार से ज्यादा विदेशी नागरिकों के छिपे होने की खबर को प्रमुखता से प्रसारित किया था. इसके बाद यूपी ATS ने मथुरा, गाजियाबाद, सहारनपुर समेत 6 जिलों में यह कार्रवाई की. हैरत की बात ये है कि सबसे ज्यादा 31 रोहिंग्या मुसलमान मथुरा जिले में पकड़े गए. इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं. पकड़े गए सभी आरोपी अलग-अलग देशों से आकर भारत में रह रहे थे. इनमें से कई लोग भारत के फर्जी दस्तावेज बनवाकर पासपर्ट के लिए भी आवदेन कर चुके हैं.
बता दें कि रोहिंग्या मुसलमानों, बांग्लादेशी नागरिकों, पाकिस्तानियों समेत कई पड़ोसी देशों के लोग अवैध तरीके से भारत में घुसे हुए हैं. सहारनपुर के कस्बे देवबंद में विश्व विख्यात इस्लामिक संस्थान दारुल उलूम होने के कारण विदेशी नागरिक न सिर्फ देवबंद में आते रहते हैं, बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अपनी शरणस्थली बनाया हुआ है. रविवार की रात में ATS ने मथुरा, गाजियाबाद, सहारनपुर समेत 6 जिलों में एक साथ छापेमारी की. ATS की टीमों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में अवैध रूप से रह रहे 74 रोहिंग्या मुसलमानों को गिरफ्तार किया. चौकाने वाली बात तो ये है कि ATS की गिरफ्त में आए विदेशी नागरिकों में महिला और बच्चे भी शामिल हैं. जो अवैध रूप से बांग्लादेश से बॉर्डर पारकर भारत में घुसे हुए थे.
फतवों की नगरी देवबंद में ATS सेंटर की स्थापना के बाद भी घुसपैठियों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है. आलम यह है कि अब अवैध तरीके से भारत में घुसकर रोहिंग्या, बांग्लादेशी और पाकिस्तानी संदिग्ध भारत के दस्तावेज बनवाकर रह रहे हैं. ATS द्वारा पकड़े गए ज्यादातर पाकिस्तानियों और बांग्लादेशियों का आतंकी कनेक्शन होना पाया गया है. आतंकी संगठनों से जुड़े ज्यादातर विदेशी नागरिकों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को शरणस्थली बनाया हुआ है. अवैध रूप से भारत में आए विदेशी नागरिकों ने पश्चिमी यूपी के सहारनपुर, फतवों की नगरी देवबंद, अलीगढ, मेरठ, मुज़फ्फरनगर, बुलंदशहर जिलों को पनाहगार बनाया हुआ है. जहां संदिग्ध युवकों ने बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया है. पिछले दो सालों में ATS ने फतवों की नगरी देवबंद समेत कई स्थानों पर छापेमारी कर 21 संदिग्ध युवकों को गिरफ्तार किया. ATS की पूछताछ और जांच पड़ताल में पकड़े गए संदिग्धों का कनेक्शन आतंकी संगठनों से होना पाया गया.
ATS के मुताबिक़, ज्यादातर विदेशी नागरिक अवैध तरीके से बॉर्डर पार करके भारत में घुसे हैं. जहां उन्होंने भारत में रहने वाले एजेंटों की मदद से न सिर्फ भारतीय दस्तावेज बनवा लिए हैं, बल्कि इन दस्तावेजों के आधार पर भारत की नागरिकता भी ले ली हैं. गुरुवार को देवबंद से दो बांग्लादेशियों की गिरफ्तारी के बाद यह खुलासा हुआ. इससे पहले ATS ने 2 मार्च 2021 को उन्नाव, नोएडा और अलीगढ़ से एक-एक, 12 मार्च 2021 को सहारनपुर से दो और आठ जून को गाजियाबाद से दो बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था. जबकि, 17 जून 2021 को अलीगढ़ से चार और 18 जून 2021 को मेरठ-बुलंदशहर और देवबंद से चार बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी हुई थी. ATS ने 28 अप्रैल 2022 को बांग्लादेशी तलहा को देवबंद से गिरफ्तार किया था. इतना ही नहीं रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार बॉर्डर के रास्ते भारत लाने वाला मेरठ अल्लीपुर गांव का रहने वाला हाफिज शफीक को भी गिरफ्तार किया गया था. जांच में इस बात का खुलासा हुआ था कि हाफिज शफीक भारत में आने वाले रोहिंग्या के फर्जी दस्तावेज भी बनवाता था. यही वजह है कि यूपी में बांग्लादेशी नागरिकों की बढ़ती संख्या से सुरक्षा एजेंसियों की चिंता भी बढ़ना लाज़मी है.