सहारनपुर: उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी बनाने की घोषणा किए जाने के बाद जहां स्थानीय कलाकारों में खुशी की लहर है, वहीं विपक्षी दलों में विरोध के सुर दिखने लगे हैं. कांग्रेस ने नोएडा में फिल्म सिटी बनाए जाने का खुलकर विरोध किया है. कांग्रेस विधायक नरेश सैनी ने फिल्म सिटी को लेकर सीएम योगी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें कोरोना काल में भी रिया और कंगना नजर आती हैं. इसलिए सरकार ने आर्थिक स्थिति से जूझ रहे प्रदेश में फिल्म सिटी बनाने का निर्णय लिया है. जिस पैसे से फिल्म सिटी बनाई जा रही है, उसी पैसे से गन्ना किसानों का बकाया भुगतान, फीस की समस्या से जूझ रहे छात्र-छात्राओं की स्कूल फीस और बेरोजगारों को रोजगार भत्ता दिया जाना चाहिए था.
फिल्म सिटी पर कांग्रेस विधायक नरेश सैनी का बयान. बेहट से कांग्रेस विधायक एवं पिछड़ा प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष नरेश सैनी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि योगी सरकार ने नोएडा में फिल्म सिटी बनाने का निर्णय अपने स्तर से ठीक ही लिया है, ताकि उत्तर प्रदेश की सरजमीं से कलाकार निकल कर आएं, लेकिन कांग्रेस पार्टी इसके एकदम विपरीत है. वर्तमान में प्रदेश की स्तिथि पूरी तरह भिन्न है, क्योंकि प्रदेश का नौजवान, व्यापारी और किसान सब परेशान हैं. इनकी समस्या का सामाधान पहले होना चाहिए था.
फिल्म सिटी बनाने का काम बाद में भी किया जा सकता था. इससे पहले सरकार को किसान के गन्ने का भुगतान और मंदी में बिक रही धान की फसल का वाजिब भुगतान कराने का काम करना चाहिए था. इसके साथ-साथ कोरोना काल में बेरोजगार नौजवानों को बेरोजगारी भत्ता देना शुरू करना चाहिए था. कोरोना वायरस की वजह से जो छात्र स्कूल की फीस जमा नहीं कर पा रहे हैं, उनकी फीसमाफी करा सकती थी.
उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश को किस दिशा में ले जाना चाहती है? यह हर किसी की समझ से परे है. सरकार के पास जब फीस और रोजगार भत्ते के लिए पैसा नहीं है तो फिल्म सिटी के लिए पैसा कहां से आया है? किसान, व्यापारी, नौजवानों के लिए पैसा क्यों नहीं है? इस कोरोना काल में फिल्म इंडस्ट्री की जरूरत नहीं थी, बल्कि जनता के स्वास्थ्य के लिए खर्च करना चाहिए था. इस तरह की कोई योजना सरकार बनाती तो कांग्रेस उसका खुलेदिल से स्वागत और समर्थन करती. सीएम योगी पर तंज कसते हुए नरेश सैनी ने कहा कि इस कोरोना काल मे भी उन्हें तो रिया और कंगना ही दिखती हैं. इसके अलावा कुछ और नहीं दिख रहा है. इस प्रदेश का यह दुर्भाग्य है.
कृषि संबंधी विधेयक पास होने के सवाल पर कांग्रेस विधायक नरेश सैनी ने कहा कि देश में हाल ही में किसानों के खिलाफ जो विधेयक पारित किए गए हैं. सरकार को इस बिल को लाने की ज्यादा ही जल्दी लगी है, जबकि इसकी कहीं कोई जरूरत नहीं थी. अध्यादेश केवल इमरजेंसी के लिए आता. इससे साफ जाहिर हो गया कि बीजेपी सरकार किसान विरोधी है. इससे किसानों और छोटे व्यापारियों को छिन्न-भिन्न करना चाहती है.
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विधायन ने कहा कि कुल मिलाकर सरकार कृषि से व्यापार तक सबका निजीकरण चाहती है. देश-प्रदेश में जितनी भी संस्थाए चल रही हैं उन सबको खत्म कर निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है. इन बिलों के पास होने से बड़ी-बड़ी कंपनियां किसानों को फसल का मन माफिक दाम देंगी, जिससे किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान होने वाला है.