सहारनपुर: पहाड़ों और मैदानी इलाकों में कई दिनों से लगातार हुई बारिश से मैदानी इलाकों में हाहाकार मचा है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिले बाढ़ की चपेट में आए हुए हैं. सैंकड़ो गांवों में पानी घुसा हुआ है तो वहीं किसानो की लाखों बीघा फसल पर पानी फिर गया है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में सीएम योगी खुद नजर रखे हुए हैं, यही वजह है कि शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहारनपुर दौरे पर आए, जहां उन्होंने हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया और बाढ़ पीड़ित परिवारों से मुलाक़ात कर राहत सामग्री वितरित की.
सीएम योगी ने बाढ़ पीड़ितों के लिए बनाए गए राहत शिविरों में पहुंचकर 15 दिन के लिए राशन भी वितरित किया है. इसके बाद सीएम योगी ने पुलिस लाइन सभागार में प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सहारनपुर में मूसलाधार बारिश के कारण यमुना नदी, हिंडन नदी, पांव धोई और ढमोला, नागदेव नदी समेत सभी बरसाती नदियां उफान पर हैं. नदियों का पानी ओवर फ्लो होने से आसपास के इलाकों में बाढ़ आई हुई है. महानगर सहारनपुर की ढमोला नदी किनारे वाले सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है जिससे हजारों परिवार प्रभावित हुए हैं. आज जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा मिलकर लगाए गए राहत शिविरों का निरीक्षण किया है. अत्याधिक बारिश होने के कारण उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और वेस्ट यूपी के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है.
सीएम योगी ने कहा कि हथिनी कुंड बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद यमुना नदी में भी बाढ़ की स्थिती बन गई है. पानी तेज बाहव के साथ आगे चला जाने से थोड़ी सी राहत जरूर मिली है. जनपद सहारनपुर में कुल 118 गांव और महानगर के 28 मोहल्ले जलभराव की चपेट में आए थे. इसमें लगभग 2.75 लाख लोग प्रभावित हुए. 13 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि बाढ़ की चपेट में आने फसले बर्बाद हो गई है जबकि प्राकृतिक आपदा के कारण 7 लोगों की जान भी गई है ऐसे में तीन पशुओं के भी मारे जाने की पुष्टि हुई है। इसके अलावा कुछ ज्यादा और कुछ आंशिक रूप से प्रभावित हुए है.
मुख्य मंत्री योगी ने बताया कि बाढ़ राहत शिविरों में पीड़ितों को राहत सामग्री के पैकेट बांटे गए है जिनमें 10-10 किलो आटा और चावल, दाल, मसाले और 10 किलो आलू वितरित किए गए हैं. बाढ़ से जिन परिवारों के मकान क्षतिग्रस्त हुए है, उनको मुआवजे के साथ ही बरसाती देने के निर्देश दिए गए है. मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी.