सहारनपुर: 2022 के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022)की सरगर्मियां तेज हो गई हैं. मिशन 2022 को लेकर सभी राजीनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं. मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फतवों की नगरी देवबंद के दौरे पर आ रहे हैं, जहां मुख्यमंत्री ATS कमांडो सेंटर का शिलान्यास करेंगे. मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं, भाजपा नेताओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है. प्रशासन सीएम योगी के आगमन की तैयारियों में जुटा हुआ है. सुरक्षा व्यवस्था के चाक चौबंद इंतजाम किए गए हैं.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के जनपद सहारनपुर का आतंकवादी गतिविधियों से पुराना नाता रहा है. जहां फतवों की नगरी देवबंद में दुनिया भर के मुस्लिम देशों से दीनी तालीम हासिल करने के लिए छात्र आते हैं. वहीं, तालीम की आड़ में कई आंतकी देवबंद को अपनी शरणस्थली बना चुके हैं. कस्बा देवबंद में एक के बाद एक करके आतंकी संगठन से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. यही वजह है कि अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने फतवों की नगरी देवबंद में ATS कमांडो सेंटर खोलने का निर्णय लिया है. ATS कमांडो सेंटर 2000 वर्ग मीटर की जगह में बनाया जा रहा है.
सीएम योगी करेंगे शिलान्यास
कस्बा देवबंद के रेलवे रोड पर ATS कमांडो सेंटर का निर्माण शुरू होने जा रहा है. सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ चार जनवरी यानी मंगलवार को देवबंद पहुंच रहे हैं. सीएम योगी रेलवे रोड पर ATS कमांडो सेंटर का शिलान्यास करेंगे. मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है. सुरक्षा की दृष्टि से कई जनपदों की पुलिस पहले ही वीआईपी ड्यूटी के लिए बुला ली गई है. साथ ही चप्पे-चप्पे भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है.
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उलेमाओं ने किया स्वागत
इस्लामिक धर्म गुरुओं ने योगी सरकार के इस कार्य का खुलकर स्वागत किया है. उलेमाओं व धर्म गुरुओं का कहना है कि देवबंद में आंतकवादी निरोधक सेंटर खुलने से न सिर्फ कस्बावासी सुरक्षित होंगे, बल्कि इस्लामिक मदरसों पर उठने वाले सवाल भी बंद हो जाएंगे.
देवबंद से पकड़े जा चुके हैं आतंकी
देश में आतंकी गतिविधि होते ही फतवों की नगरी देवबंद का नाम सुर्खियों में आ जाता है. कुछ घुसपैठिए छात्रों की आड़ लेकर देवबंद में रहकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते रहे हैं. एटीएस की टीम न सिर्फ पुलवामा अटैक के बाद देवबंद के खानकाह मोहल्ला स्थित नाज मंजिल छात्रावास से आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्म्द से जुड़े दो कश्मीरी युवकों को गिरफ्तार कर चुकी है, बल्कि इससे पहले भी कई आतंकियों को यहां से गिरफ्तार किया गया है.
कब-कब पकड़े गए आतंकी
कुछ दिन पहले ही एनआईए ने अमरोहा निवासी मोहम्मद सुहेल को गिरफ्तार किया था. एनआईए की जांच में पता चला था कि सुहेल भी देवबंद में काफी समय तक रहा और पढ़ाई की थी. 2001 में संसद पर हुए हमले की घटना में भी जैश-ए-मोहम्मद का हाथ था और उस हमले में प्रयोग की गई कार सहारनपुर से मिली थी. इसके अलावा 1994 में हापुड़ से तीन विदेशी नागरिकों का अपहरण करके आतंकियों ने सहारनपुर के खाताखेड़ी में रखा था. विदेशी नागरिकों का अपहरण जैश-ए-मोहम्मद के अजहर मसूद को छुड़ाने के लिए दबाव बनाने की नीयत से किया गया था.
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इसके अलावा इंडियन मुजाहिदीन का शेख एजाज को 2015 में सहारनपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था. 2016 में देवबंद से ही दिल्ली पुलिस ने एक आतंकी को गिरफ्तार किया था. वहीं, 2017 में मुजफ्फरनगर के ग्राम कुटेसरा से बांग्लादेशी आतंकी संगठन अंसारुल्ला बांग्ला टीम का सक्रिय सदस्य भी यही से गिरफ्तार किया गया था. जांच में पता चला था कि वो लंबे समय से देवबंद में रह रहा था, जबकि उसका साथी बांग्लादेशी फैजान एटीएस की छापेमारी के बाद फरार हो गया था. दो जनवरी, 2021 को वसीम अहमद और अहशान कुरैशी को बांग्लादेशी आतंकी यूसुफ अली के फर्जी दस्तावेज तैयार करके उसका पासपोर्ट बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया था. यह दोनों भी देवबंद में काफी समय से रह रहे थे.
अक्तूबर 2017 में कोलकाता पुलिस ने दिल्ली से बांग्लादेशी रजाउल रहमान को पकड़ा था, जो देवबंद में काफी समय से रह रहा था. लखनऊ के चारबाग स्टेशन से एटीएस ने इमरान, रजीमुद्दीन, मोहम्मद फिरदौस को पकड़ा था, जो देवबंद के ग्राम भनैड़ा में काफी दिनों से रह रहा था और वो भी बांग्लादेशी आतंकी संगठन से जुड़ा था. वहीं, 2001 में आतंकी गतिविधियों के चलते मुफ्ती इसरार को एक मदरसे से पुलिस ने पकड़ा था. दो अगस्त, 2010 को शाहिद उर्फ इकबाल भट्टी और देवराज सहगल को पटियाला से गिरफ्तार किया गया था. इकबाल भट्टी पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था और सहारनपुर में काफी समय तक देवराज सहगल के नाम से रह रहा था.
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